नई दिल्ली। सिक्किम में आई बाढ़ के एक सप्ताह बाद मौसम साफ होने के साथ सेना ने बचाव कार्य तेज कर दिया है। सेना को इसी मौके का इंतजार था। मंगलवार को एक बार फिर से पर्यटकों को हवाई मार्ग से लाने के साथ दुर्गम स्थानों में बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंगलवार को उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम सशस्त्र बलों ने फिर से शुरू कर दिया।
सेना के अधिकारियों के मुताबिक लाचुंग और लाचेन में फंसे 95 लोगों को हेलीकॉप्टर से लाया गया। लाचुंग के पहले समूह में 17 पर्यटक और लाचुंग गांव के दो स्थानीय लोग शामिल थे। हेलीकॉप्टरों ने सुबह क्षेत्र के लिए दो उड़ानें भरीं। लाचुंग से लोगों को गंगटोक के पास पाकयोंग हवाई अड्डे पर लाया जा रहा था। दो बच्चों सहित 76 फंसे हुए लोगों के पहले बैच को तीन उड़ानों में हेलीकॉप्टरों द्वारा लाचेन से निकाल कर उन्हें रिंगिम हेलीपैड, मंगन लाया गया। इसके एक दिन पहले लाचेन और लाचुंग से 360 से अधिक पर्यटकों को निकाला गया था।
पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता ने मंगलवार को बताया कि हिमालयी राज्य में हाल ही में आई बाढ़ में मानव जीवन और बुनियादी ढांचे के नुकसान के बावजूद सिक्किम में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना की परिचालन तैयारियां ”अचूक” बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल सामने आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ने कहा, जहां तक परिचालन तैयारियों का सवाल है, हमारी क्षमताओं में कोई कमी नहीं आई है।