लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों से बापू को ‘स्वच्छांजलि’ देने का आह्वान किया है। शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने 01 अक्टूबर को 01 घंटे के स्वच्छता श्रमदान कार्यक्रम के लिए तैयारियों की समीक्षा की है।
मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राष्ट्र को स्वच्छता का संदेश देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जयंती के अवसर पर ‘स्वच्छता ही सेवा’ पखवाड़ा के तहत समस्त नगरीय निकायों में 154 घंटे का सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की सफलता में स्वच्छ सारथी क्लब को विकसित कर विश्वविद्यालयों, विद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। नगर के चौराहों, बस स्टॉप की साफ-सफाई की जा रही है। इस महत्वपूर्ण अभियान में जनसहभागिता को बढ़ाया जाना चाहिए।
उन्होंने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘कचरा मुक्त भारत’ की परिकल्पना को साकार रूप देने के क्रम में 01 अक्टूबर को प्रत्येक प्रदेशवासी 01 घंटे के स्वच्छता श्रमदान में सहभागिता करे। योगी ने कहा कि हमारा यह सामूहिक प्रयास राष्ट्रपिता बापू को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर ‘स्वच्छांजलि’ होगी। हर प्रदेशवासी अपने आस-पास के परिवेश में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के लिए श्रमदान अवश्य करें। 01 अक्टूबर को 01 घंटा श्रमदान के इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए जनजागरूकता का प्रसार किया जाए।
इस स्वच्छता श्रमदान के लिए सभी नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। श्रमदान की सफलता के लिए शनिवार 30 सितम्बर को प्रदेश के सभी नगरीय निकायों, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों की विशेष बैठक आहूत कर श्रमदान कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव पारित किया जाए। अपने क्षेत्र में 01 अक्टूबर के कार्यक्रम के लिए स्थान चिन्हांकन सहित सभी आवश्यक तैयारियां कर ली जाएं।
01 घंटे के श्रमदान कार्यक्रम अंतर्गत सभी बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों की प्रभातफेरी निकाली जाए। प्रभातफेरी के उपरांत बच्चे और स्कूल शिक्षक विद्यालय परिसर की साफ-सफाई का दायित्व निर्वहन करें। बच्चों के लिए मिष्ठान्न आदि की व्यवस्था भी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमदान हम सभी का नागरिक कर्तव्य है। हमारा प्रदेश स्वच्छ हो, हम सभी स्वस्थ रहें, इसके लिए हमें स्वच्छता को अपनी आदत बनानी होगी। श्रमदान के इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, आरडब्ल्यूए, नागरिक संगठनों की सहभागिता होनी चाहिए। सभी जनपदीय नोडल अधिकारी इस दिवस को अपने प्रभार वाले जनपद में उपस्थित रहेंगे। 02 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जयन्ती के दिन स्वच्छ्ता कर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाए।
श्रमदान के लिए ऐतिहासिक, धार्मिक महत्व के स्थल, नदी किनारे घाट, गार्बेज वर्नलेबल पॉइंट, खाली प्लॉट, बस स्टेशन, सड़क किनारे की पटरियों, कूड़े का ढेर वाले स्थलों का चयन किया जाना चाहिए। अस्पतालों के समीप बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल, सार्वजनिक शौचालयों की साफ-सफाई आदि भी की जानी चाहिए। हर श्रमदान से संबंधित विवरण, सेल्फी https:wachhatahiseva.com/ पर अपलोड किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता श्रमदान के इस अभियान की सफलता इसकी निरंतरता में ही निहित है। आगामी दिनों में मां दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। छठ पूजा का कार्यक्रम है। इसलिए स्वच्छता का यह क्रम अनवरत जारी रखा जाना चाहिए।
शहरी कचरे का एक बड़ा भाग हानिकारक प्लास्टिक का है। इसका उपयोग न करने के लिए जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ अब इंफोर्समेंट की कार्यवाही भी की जाए। प्रतिबंधित पॉलिथीन के इस्तेमाल पर कड़ाई से रोक लगाई जाए।