लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘अटल आवासीय विद्यालयों’ की स्थापना के बाद प्रदेश के 57 जिलों में सर्व सुविधा युक्त ‘मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट विद्यालयों’ की स्थापना तथा सभी 75 जिलों में एक-एक कम्पोजिट विद्यालय को मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘पीएम श्री’ विद्यालयों के विकास योजना की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन प्रारंभ हो चुका है। अब हमें प्री-प्राईमरी से लेकर 12वीं तक के लिए हर जनपद में एक सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ना होगा। अटल आवासीय विद्यालयों से आच्छादित जनपदों के अतिरिक्त शेष 57 जिलों में एक-एक ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय’ की स्थापना की तैयारी करें।
‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय’ का परिसर 5-10 एकड़ का हो। इसके लिए संबंधित जिलों में भूमि का चिन्हांकन यथाशीघ्र पूरा कर लें। प्रारंभिक रूप में यहां हर कक्षा के लिए न्यूनतम 03 सेक्शन की व्यवस्था हो। विद्यालय परिसर में प्रधानाचार्य, शिक्षक संवर्ग व अन्य स्टाफ के लिए आवासीय सुविधा हो।
विद्यालय में विश्वस्तरीय अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। प्रत्येक कक्षा हेतु स्मार्ट क्लास हो। रोबोटिक्स व मशीन लर्निंग सेंटर हो। कक्षा-01 से 08 हेतु कम्पोजिट विज्ञान व गणित प्रयोगशाला, कक्षा-09 से 12 हेतु रसायन, भौतिकी विज्ञान हेतु माड्यूलर प्रयोगशाला, कम्प्यूटर लैब एवं लैंग्वेज लैब, कक्षा-01 से 8 एवं कक्षा-09 से 12 हेतु पृथक-पृथक पुस्तकालय, विशाल खेल का मैदान व ओपन जिम के साथ मल्टीपल एक्टीविटी हॉल, सोलर पैनल एवं वर्षा जल संचयन इकाई की स्थापना, वॉटर प्लान्ट, मिड-डे-मील किचन व डायनिंग हॉल, वॉशिंग एरिया, मल्टीपल हैण्डवाशिंग यूनिट की एकीकृत व्यवस्था, आधुनिक अग्नि शमन यंत्र एवं ऑनलाइन सीसीटीवी कैमरों की सुविधा से लैस बनाया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेसिक शिक्षा में व्यापक सुधार के उद्देश्य से ‘पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फ़ॉर राइजिंग इंडिया) योजना की घोषणा की है। योजना अंतर्गत भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के 1725 शासकीय विद्यालयों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में विकास के लिए चयनित 272 प्राथमिक परिषदीय विद्यालय और 570 कम्पोजिट परिषदीय विद्यालय और 82 माध्यमिक विद्यालय भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक निर्माण कार्य दिसम्बर तक पूरा करा लिया जाए।
पीएम श्री के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सिद्धांतों के अनुरूप चरणबद्ध रूप से इन विद्यालयों में अल्ट्रा मॉडर्न तकनीकी व डिजिटल शिक्षा व्यवस्था का विकास किया जाना है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, आइसीटी लैब, लैंग्वेज लैब, विज्ञान प्रयोगशाला, अटल टिंकरिंग लैब स्थापित होंगे, साथ ही सोलर पैनल, एलईडी लाइटिंग, ऊर्जा कुशल संसाधन, पोषण वाटिका, वेस्ट मैनेजमेंट, जल संरक्षण आदि के माध्यम से इन्हें ग्रीन स्कूल के रूप मंन विकसित किया जाएगा। स्किल हब सेंटर का विकास होगा। इससे प्रदेश के बच्चों को अच्छी सुविधा सुलभ कराने में बड़ी सहायता मिलेगी।
प्रदेश में संचालित 24 हजार कंपोजिट विद्यालयों (प्री प्राइमरी से कक्षा 08) से 75 विद्यालयों का चयन कर उन्हें मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप में चरणबद्ध रूप से उच्चीकृत किया जाए। इन मुख्यमंत्री अभ्युदय विद्यालयों में 05 कक्षा-कक्षों से युक्त अभ्युदय ब्लॉक, मिड डे मील शेड, बाल वाटिका, पोषण वाटिका, सुरक्षाकर्मी की तैनाती, बाल सुलभ फर्नीचर, मॉड्यूलर डेस्क बेंच, वाई-फाई व सीसीटीवी की सुविधा हो। इन विद्यालयों के लिए पूर्व से कार्यरत शिक्षकों में से उत्कृष्ट शिक्षकों का प्रमाणिकता आधारित तैनाती की जाए। चयन के लिए कम्प्यूटर आधारित टेस्ट किया जाना चाहिए। यहां लर्निंग बाई डूइंग मॉडल के माध्यम से बच्चों के मध्य कौशल व उद्यमिता विकास के अवसर उपलब्ध हों। इससे 26 लाख छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने में सीएसआर अथवा जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त सहायता उपयोगी सिद्ध हुई है। यद्यपि अब भी कई विद्यालयों के लिए विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक है। शासन स्तर से ऐसे 250 श्रेष्ठ परिषदीय कम्पोजिट विद्यालयों का उच्चीकरण किया जाए। इन्हें लैंग्वेज लैब, स्मार्ट क्लास, सुरक्षा कर्मी, मॉड्यूलर साइंस लैब, रोबोटिक्स व मशीन लर्निंग लैब आदि की सुविधा से युक्त बनाया जाए। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसका क्रियान्वयन किया जाए।
उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय, अंतरराष्ट्रीय मार्गों के निकट अवस्थित विद्यालयों का उच्चीकरण कराया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, प्राकृतिक आपदा से दुष्प्रभवित विद्यालयों तथा अविद्युतीकृत विद्यालयों में विद्युत संयोजन का कार्य कराया जाए।