वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि माताओं और बहनों की शक्ति ही उनका सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। पीएम मोदी ने वाराणसी के संपूर्णानंद मैदान में आयोजित नारी शक्ति वंदन अभिनंदन कार्यक्रम के दौरान विपक्ष को इस बात के लिए आड़े हाथ लिया कि तीन दशक तक इस बिल को लटकाकर रखा गया। उन्होंने कहा कि माताओं और बहनों की एकजुटता और उनकी ताकत के कारण आज राजनीतिक पार्टियां कांप रही हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास होने पर प्रदेश की मातृशक्ति की ओर से प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि बीते साढ़े नौ साल में माताओं और बहनों को केंद्र में रखकर सरकार ने काम किया है। इस अवसर पर विभिन्न योजनाओं की लाभार्थी महिला समूहों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
इस बार कई गुना बढ़ गया है नवारात्रि का उत्साह
प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि काशी माता कुष्मांडा, माता शृंगार गौरी, मां अन्नपूर्णा और मां गंगा की पावन नगरी है। यहां के कण कण में मातृ शक्ति की महिमा जुड़ी है। विंध्यवासिनी देवी भी बनारस से दूर नहीं हैं। काशी नगरी देवी अहिल्याबाई होल्कर के पुण्य कार्यों और प्रबंध कौशल की साक्षी रही है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम ने इस बार नवारात्रि के उत्साह को कई गुना बढ़ा दिया है। इस कानून से देश में महिला विकास के रास्ते खुलेंगे। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ेगी।
हर काल में साबित किया है नारी नेतृत्व का सामर्थ्य
उन्होंने कहा कि नारी का नेतृत्व बाकी दुनिया के लिए आधुनिक व्यवस्था हो सकती है। हम तो महादेव से पहले मां पार्वती और गंगा को प्रणाम करने वाले लोग हैं। हमारी काशी रानी लक्ष्मीबाई जैसी विरांगना की जन्मभूमि है। आजादी की लड़ाई में लक्ष्मीबाई जैसी विरांगनाओं से लेकर मिशन चंद्रयान को लीड करने वाली महिला वैज्ञानिकों तक नारी नेतृत्व के सामर्थ्य को हर कालखंड में हमने साबित किया है। उन्होंने कहा कि तीन दशक से ये कानून लटका था। आज संसद के दोनों सदनों में उन पार्टियों को भी इसके समर्थन में आना पड़ा जो पहले इसका विरोध करते थे।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक व्यपक विजन वाला कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक व्यपक विजन वाला कार्यक्रम है। हम ऐसी व्यवस्था बनाना चाहते हैं कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए किसी की जरूरत न पड़े। इसके लिए कानून के साथ साथ सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूत करना जरूरी है। इसलिए इस कानून का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया है। कुछ लोगों को इसमें भी वंदन शब्द से परेशानी है। माताओं बहनों को वंदन नहीं करेंगे तो क्या करेंगे। ये लोग नहीं समझ पाते कि नारी शक्ति के वंदन का अर्थ क्या है। हमें ऐसी नकारात्मक सोच से बचते हुए विकास पथ पर आगे बढ़ना है। देश आगे बढ़ता रहेगा, और ऐसे बड़े निर्णय लेते रहेगा।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कदम उठाये गये : योगी
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा, ”नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृसमा गतिः, नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रया।” मां के समान कोई छाया नहीं, मां के समान को सहारा नहीं, मां के समान कोई रक्षक नहीं, मां के समान कोई प्रिय नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले 9 साल में पूरी दुनिया ने बदलते हुए भारत को देखा है। भारत की आधी आबादी और मातृ शक्ति को सशक्त करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को संसद में पारित कराने के बाद आज प्रधानमंत्री का आगमन अपनी काशी में हुआ है। 2014 के उपरांत महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कदम उठाये गये हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और मिशन इंद्रधनुष के जरिए महिलाओं को सुरक्षा कवच देने का कार्य हुआ है।
महिला समूहों ने किया प्रधानमंत्री का अभिनंदन
वहीं इस अवसर पर पीएम स्वनिधि योजना की लाभार्थी महिलाओं ने फूलों की माला से प्रधानमंत्री का अभिनंदन किया। इसके अलावा शहरी आजीविका मिशन की लाभार्थी महिलाओं ने पुष्पगुच्छ देकर, प्रधानमंत्री आवास योजना की महिलाओं ने तुलसी का पौधा भेंट कर, आयुष्मान योजना की लाभार्थियों ने अंगवस्त्र के माध्यम से तथा उचित दर विक्रेता की लाभार्थी महिलाओं ने गणपति प्रतिमा भेंट कर प्रधानमंत्री के दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए कामना की।