13 सितंबर, इंदौर/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातनियों के नरसंहार की बात कहकर चर्चा में आए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को एक बार फिर आड़े हाथ लिया। इस बार उन्होंने मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आक्रांताओं की परंपरा में विश्वास रखने वाले लोग सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन्हें सनातन धर्म की परंपरा पर गौरव की अनुभूति होती है वो आज भी लोकोद्धार का कार्य कर रहे हैं। साथ ही सनातन के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अभियान को पूरी निर्भीकता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
सीएम योगी यहीं नहीं रुके उन्होंने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर पर भी तंज कसते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के अस्तित्व पर प्रश्न उठाने वाले लोग सनातन पर सवाल उठा रहे हैं। ये वही लोग है जिन्होंने हर कालखंड में भारत और भारतीयता को अपमानित किया है। सीएम योगी बुधवार को रविन्द्रनाथ नाट्य गृह में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 228वीं पुण्यतिथित पर आयोजित श्री ‘अहिल्योत्सव’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने जिस तरह जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने भारत की सांस्कृतिक एकता के लिए चार पीठों की स्थापना की थी। उसी तरह 18वीं सदी में लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने भारत की संस्कृति को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सीएम योगी ने कहा कि श्री अहिल्योत्सव समिति 100 वर्षों से लोकमाता देवी अहिल्या पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान का काशी विश्वनाथ मंदिर लोकमता अहिल्या की देन है। 18वीं सदी में लोकमता ने काशी में भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था। सोमनाथ मंदिर का पुनरोद्धार उन्होंने ही करवाया। उत्तर से लेकर दक्षिण तक कहीं चलें जाएं तो यही मिलेगा भारत की संस्कृति को जीवित रखने और बढ़ाने में लोकमाता अहिल्या की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
सीएम योगी ने कहा कि भारत के अंदर राम राज्य को एक आदर्श व्यवस्था की मानी गई है। रामराज्य एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है। इस व्यवस्था में अंतिम पायदान पर बैठा व्यक्ति का ऊपर लाना सबसे महत्वपूर्ण है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जब किसी ने पूछा कि भारत में कैसा राज्य होना चाहिए तो उन्होंने कहा कि राम राज्य होना चाहिए। प्राचीन काल से ही मानी गई व्यवस्था है, जिसमें आम आदमी की बातों को महत्व दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी अंत्योदय की बात कही थी, जो राम राज्य की अवधारणा पर ही है। उन्होंने कहा था कि भारत के परिपेक्ष में जब आर्थिक उन्नति की बात होगी तो हमें ऊंचे पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति की नहीं बल्कि सबसे नीचे पायदान पर बैठे हुए व्यक्ति की बात करनी होगी।
कार्यक्रम में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, श्री अहिल्योत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार डांगा समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।