लखनऊ, 9 सितंबर: योगी सरकार द्वारा प्रदेश के गांव में नई दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को दूध का उचित मूल्य दिलाने के लिए एक हजार करोड़ रुपये से लांच नन्द बाबा दुग्ध मिशन को धरातल पर उतारने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। मिशन के संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी व अपर मुख्य सचिव, दुग्ध विकास की अध्यक्षता में स्टेट एग्जिक्यूटिव कमेटी और जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डिस्ट्रिक्ट एग्जिक्यूटिव कमेटी का गठन किया गया है। इसके अलावा मिशन के मुख्यालय पर स्टेट प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट एवं जनपद स्तर पर डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजमेन्ट यूनिट का गठन किया गया है। वहीं नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नेमेंट (एनआईएसजी) को प्रोजेक्ट मैनेजमेन्ट कन्सल्टैन्ट (पीएमसी) नामित किया गया है।
देसी नस्ल की 25 दुधारू गायों की 35 इकाइयां की जाएंगी स्थापित
योगी सरकार की ओर से नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत चार महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसमें नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ- सवंर्धन योजना, मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना एवं प्रारम्भिक दुग्ध सहकारी समिति का गठन शामिल है। गौवंशीय पशुओं के नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए संचालित नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में उन्नत नस्ल के अधिक से अधिक दुधारू गौवंश की इकाईयां स्थापित की जाएंगी। पहले चरण में पशुपालकों में उद्यमिता विकास के लिए गिर, साहीवाल, थारपारकर एवं गंगातीरी प्रजाति की 25 दुधारू गायों की 35 इकाईयां स्थापित होंगी। इसमें लाभार्थियों को 50 प्रतिशत का अनुदान अधिकतम 31.25 लाख तक दिये जाने का प्राविधान किया गया है। योजना में लाभार्थी का अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत तथा अनुदान 50 प्रतिशत दिया जाएगा। अनुदान 3 चरणों में दिया जाएगा।
प्रोत्साहन धनराशि के साथ प्रशस्ति पत्र भी देगी योगी सरकार
वहीं नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत प्रदेश के बाहर से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ- सवंर्धन योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के नवयुवकों एवं महिलाओं को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करते हुए रोजगार उपलब्ध कराना तथा प्रदेश में उन्नत नस्ल की गायों की संख्या में वृद्धि करने के साथ स्वदेशी गायों की नस्ल में सुधार करना है। योजना के तहत पशुपालकों को प्रदेश के बाहर से स्वदेशी उन्नत नस्ल के गायों की खरीद के लिए प्रोत्साहित करने की योजना है, जिसमें प्रत्येक लाभार्थी को उन्नत नस्ल गिर, साहीवाल, हरियाणा एवं थारपारकर की अधिकतम 2 दुधारू पशुओं की इकाई स्थापित करने के लिए लागत का 40 प्रतिशत, अधिकतम 80 हजार का अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत 50 प्रतिशत महिला दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों को लाभ दिया जाएगा।
वहीं नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत स्वदेशी गायों में नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री प्रगतिशील पशुपालक प्रोत्साहन योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना के तहत स्वदेशी गायों के प्रति जागरूकता के साथ-साथ स्वदेशी नस्ल की गायों की दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि के लिए पशुपालकों को प्रोत्साहित करने की योजना है। योजना के तहत प्रगतिशील पशुपालकों को अधिकतम 2 गायों तथा प्रत्येक गाय को उनके जीवनकाल में केवल एक बार प्रोत्साहन दिया जायेगा। प्रोत्साहन की धनराशि 10000 से 15000 रुपये प्रति गाय की दर से डीबीटी तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा।
621 विकास खंडों में दुग्ध समितियों का किया जाएगा गठन
नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दुग्ध के उचित मूल्य पर दिलाने के लिए प्रारम्भिक दुग्ध समिति का गठन व संचालन किया जायेगा। प्रदेश के 621 विकास खंड (जिसमें इस वर्ष गांव स्तर पर दुग्ध समिति का गठन नहीं किया गया है) में एक-एक दुग्ध समिति का गठन किया जायेगा। प्रत्येक दुग्ध समिति के गठन व संचालन पर 69000 रुपये का व्यय तथा सभी दुग्ध समितियों में डाटा प्रोसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट (डीपीएमसीयू) की स्थापना पर अधिकतम 150000 रुपये का व्यय किया जायेगा।