मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 की तारीख के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों ने चुनावी चौसर सजा दी है. एक ओर राज्य में कांग्रेस की राह में रोड़े कम नहीं हो रहे हैं. प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ बीएसपी, एसपी समेत तमाम छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियां एकजुट तो हो रही हैं, लेकिन यह पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ भी हैं. हालांकि, आगामी चुनाव से पहले इसी साल कांग्रेस के लिए एक अच्छी खबर आई थी. इस साल फरवरी में प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को कांग्रेस ने एक बड़ा झटका दिया था.
उपचुनाव में बीजेपी को मिली थी हार
दरअसल, यह राहत भरी खबर मध्य प्रदेश में इसी साल फरवरी में हुए मुंगावली और कोलारस की दो सीटों पर उपचुनाव से आई थी. इन दोनों ही सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने बीजेपी प्रत्याशी को पटखनी दी थी. आपको बता दें कि मुंगावली और कोलारस की दोनों सीटें कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र में आती हैं. मुंगावली से कांग्रेस उम्मीदवार बृजेंद्र सिंह यादव ने बीजेपी की उम्मीदवार बाई साहब यादव को 2,124 मतों के अंतर से पराजित किया था. इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह यादव को कुल 70,808 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी की प्रत्याशी बाई साहब यादव को 68,684 मत मिले.
मुंगावली में नोटा ने बिगाड़ा था खेल
बता दें कि इस विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में नोटा को 2,253 वोट मिले थे. अगर, यह वोट किसी तरह बीजेपी के प्रत्याशी को मिल जाते तो वह जीत सकता था. हालांकि, वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट 20,765 मतों के अंतर से जीती थी.
कोलारस में 8,086 वोटों से जीती थी कांग्रेस
वहीं, कोलारस से कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव को कुल 82,523 मत मिले थे. जबकि, बीजेपी के देवेंद्र जैन को कुल 74,437 मत प्राप्त हुए थे. यहां कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी के प्रत्याशी को 8,086 मतों के बड़े अंतर से हराया था. बता दें कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यह सीट 24,953 मतों के अंतर से जीती थी. इन दोनों विधानसभा सीटों पर 24 फरवरी को मतदान हुआ था. मुंगावली में कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा और कोलारस में कांग्रेस के विधायक राम सिंह यादव के निधन के कारण यह उपचुनाव कराए गए थे. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को एक चरण में चुनाव होंगे.