(शाश्वत तिवारी) : तारीख14,अगस्त,1947 जिसे कभी भुलाया नही जा सकता। एक तरफ देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति मिल रही थी, तो दूसरी तरफ इसकी कीमत देश के विभाजन के रूप में मिल रही थी। 2021 में पीएम मोदी ने घोषणा की कि 1947 में विभाजन के दौरान भारतीयों के कष्टों और बलिदानों की याद दिलाने के लिए 14 अगस्त को ‘विभाजन भयावह स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 15,अगस्त,1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली। स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर है।
हालाँकि, आज़ादी की मिठास के साथ विभाजन का आघात भी आया। नव स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन की हिंसक पीड़ा के साथ हुआ, जिसने लाखों भारतीयों पर स्थायी निशान छोड़े। विभाजन के कारण मानव इतिहास में सबसे बड़ा प्रवासन हुआ। जिससे लगभग 20 मिलियन लोग प्रभावित हुए। लाखों परिवारों को अपने पैतृक गाँव/कस्बों/शहरों को छोड़ना पड़ा और शरणार्थियों के रूप में नया जीवन खोजने के लिए मजबूर होना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने,1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों को याद किया। पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतीयों को श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है। जिनके प्राण देश के विभाजन में बलिदान हो गए। इसके साथ ही यह दिन हमें उन लोगों की पीड़ा और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जो विस्थापन का दंश झेलने के लिए मजबूर हुए थे, मैं ऐसे सभी लोगों को नमन करता हूं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट किया कि विभाजन ने लाखों लोगों को अत्यधिक कष्ट पहुँचाया। इसके रणनीतिक परिणाम भी दूरगामी थे। हमारे इतिहास का यह दर्दनाक दौर हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण सबक रखता है। Partition Horrors Remembrance Day पर उन लोगों के साहस की सराहना करें, जिन्होंने इस विनाशकारी त्रासदी को सहने के बाद अपने जीवन का पुनर्निर्माण किया।
आवास और शहरी मामलों तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी ने इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस पर विभाजन की त्रासदी का सामना करने वाली 75 महान हस्तियों को सम्मानित किया।