लखनऊ (ब्यूरो): एक उल्लेखनीय कदम उठाते हुए भारत सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्म पर तंबाकू के बिंब चित्रण को विनियमित करने वाली एक अधिसूचना जारी की है। इस अग्रणी कदम से भारत में मनोरंजन करने वाले माध्यम के जरिये तंबाकू प्रचार को विनियमित करने में वर्ल्ड चैंपियन बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर देशभर के युवा संघों सहित 2000 से अधिक युवाओं ने ओटीटी प्लेटफार्म को विनियमित करने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।
भारत सरकार ने तंबाकू के सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापनों को समाप्त करके तंबाकू के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए एक लाभकारी कानून, सीओटीपीए (कोटपा) 2003 बनाया। इसके जरिये तंबाकू के सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापनों को खत्म किया गया। सीओटीपीए के तहत तम्बाकू विज्ञापनों पर प्रतिबंध के कारण मनोरंजन माध्यमों से तम्बाकू उत्पादों को बढ़ावा देने की घटनाओं में वृद्धि हुई। फिल्मों और टेलीविज़न में तम्बाकू के उपयोग को दर्शाने वाले दृश्यों में भारी वृद्धि हो गई थी, इस कारण उत्पादों का उपयोग (तम्बाकू ब्रांड की स्पष्ट छवियों का प्रदर्शन) भी हुआ।
एक युवा प्रतिनिधि अंजलि जयसवाल, बीकॉम प्रथम वर्ष, गुरुकुल महिला महाविद्यालय ने कहा भारत ने युवाओं को तम्बाकू के उपयोग और मनोरंजन मीडिया में धूम्रपान के दृश्यों के चित्रण से बचाने में एक उदाहरण स्थापित किया है। मैं इस स्वागत योग्य कदम के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देती हूं ।
फिल्म उद्योग के साथ वर्षों तक मुकदमेबाजी के बाद, 2012 में सरकार ने एक कानून लागू किया जो तंबाकू उत्पादों के चित्रण और फिल्मों व टेलीविजन में इसके उपयोग को नियंत्रित करता था। ‘फिल्म्स एंड टेलीविजन रूल्स’ के तहत थिएटर मालिकों और टेलीविजन कार्यक्रमों के प्रसारकों को तंबाकू उत्पादों को दर्शाने वाली सभी फिल्मों और टेलीविजन कार्यक्रमों में तंबाकू विरोधी स्थैतिक चेतावनी संदेश, तंबाकू विरोधी स्वास्थ्य स्पॉट और तंबाकू के उपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में ऑडियो-विजुअल अस्वीकरण प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। या उनके उपयोग और तम्बाकू उत्पादों के ब्रांडों के प्रदर्शन या तम्बाकू उत्पाद प्लेसमेंट के किसी भी रूप पर प्रतिबंध लगाता है।
इन नियमों को फिल्मों और टेलीविजन में उचित रूप से लागू किया जा रहा था, हालांकि ओटीटी प्लेटफॉर्म काफी हद तक अनियमित रहे। यह एक गंभीर चिंता का विषय बन गया जब स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म की लोकप्रियता, विशेष रूप से किशोरों के बीच, कोविड-19 परिणामी लॉकडाउन के दौरान तेजी से बढ़ गई। ओटीटी प्लेटफार्मों पर तंबाकू की छवि का बड़े पैमाने पर चित्रण किया गया था, जिसमें स्कूल की वर्दी में किशोरों को खुले तौर पर धूम्रपान करते हुए दिखाया गया था और उत्पाद प्लेसमेंट स्पष्ट था, जो भारत के तंबाकू नियंत्रण कानून और उसके इरादे का उपहास करता था।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार भारत में किशोरों और युवा वयस्कों के बीच लोकप्रिय ऑन-डिमांड स्ट्रीमिंग सामग्री में तंबाकू का बिंबचित्रण: वैश्विक तंबाकू नियंत्रण के लिए निहितार्थ, ओटीटी प्लेटफार्म पर श्रृंखला में तंबाकू के उपयोग का बड़े पैमाने पर चित्रण किया गया है। अधिकतर 18 वर्ष से कम उम्र के दर्शकों के लिए रेट किया गया।
बच्चे और युवा अपना अधिक समय ऑनलाइन बिता रहे हैं और मनोरंजन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म चलन में हैं। वे ओटीटी प्लेटफार्मों पर प्रदर्शित फिल्मों, श्रृंखलाओं और लघु फिल्मों में दिखाए जाने वाले तंबाकू सेवन से प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि वर्तमान में तंबाकू उपभोग प्रदर्शन के संबंध में ओटीटी प्लेटफार्मों पर कोई नियम नहीं लगाए गए हैं। इस दौर में जहां ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्भरता बढ़ी है, वहीं युवा मन विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग भूमिकाओं के पात्रों द्वारा खुलेआम तंबाकू सेवन के ऐसे खतरनाक चित्रण की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
एक युवा प्रतिनिधि अनुष्का सिंह ठाकुर, कक्षा 7वीं की छात्रा, श्री बालाजी विद्या मंदिर ने कहा यह ओटीटी प्लेटफार्म पर तंबाकू इमेजरी को विनियमित करने में भारत सरकार की ओर से एक स्वागत योग्य कदम है। इससे तम्बाकू सेवन की घटनाओं खासकर युवाओं में को कम करने में मदद मिलेगी।
भारत में तम्बाकू उपयोगकर्ताओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या (268 मिलियन) है। भारत में लगभग 27% कैंसर तम्बाकू के कारण होते हैं। हालिया ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (जीवाईटीएस-2019) से पता चलता है कि 13-15 वर्ष की आयु के लगभग पांचवें छात्र किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा भारत में औसतन 10 साल से कम उम्र के बच्चे तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं।