लखनऊ, 11 अगस्त। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ ने नेता विरोधी दल अखिलेश यादव पर चुन-चुनकर हमला बोला। सदन के आखिरी दिन शुक्रवार को सीएम योगी जैसे ही बोलने खड़े हुए उन्होंने मशहूर शायर दुष्यंत कुमार के शेर, तुलसीदास की चौपाई और साहित्यकार रामकुमार वर्मा की पंक्तियों के माध्यम से नेता विरोधी दल पर करारे प्रहार किए। सबसे करारा प्रहार उन्होंने यह कहकर किया की 2024 में जीत का फैसला तो गुरुवार को ही लोकसभा में हो गया। यूपी में भी अभी 2027 और 2032 में यही सरकार रिपीट होने वाली है। सीएम योगी विधान सभा में बाढ़ और सूखा पर हुई चर्चा पर विपक्षी दलों के नेताओं को जवाब दे रहे थे।
चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए लोगों को जमीनी हकीकत ही नहीं पता
सीएम योगी ने दुष्यंत कुमार का शेर पढ़ते हुए कहा- ‘तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं, फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।’ सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग चांदी की चम्मच लेकर पैदा होते हैं। उन्हें जमीनी हकीकत के बारे में कुछ पता नहीं होता है। वे गांव के लोगों और किसानों की पीड़ा कभी नहीं समझ पाएंगे। तुलसीदास की चौपाई का जिक्र करते हुए सीएम ने अखिलेश को घेरा। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी ने कहा भी है कि ‘समरथ को नहीं दोष गोसाईं’, ऐसे ही लोगों पर बातें अक्षरशः ठीक बैठती हैं, क्योंकि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं वो गरीब-किसान-दलित की समस्या और उसकी पीड़ा को क्या समझेंगे। उन्होंने अति पिछड़ों और पिछड़ों के साथ क्या व्यवहार किया था, ये पूरा देश जानता है।
सांड़ हमारे लिए पशु धन
सीएम योगी ने आगे कहा कि महान किसान नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि देश की प्रगति का मार्ग इस देश के गांव, गलियों, खेत और खलिहानों से होकर जाता है। चौधरी चरण सिंह की बातों को वास्तव में समाजवादी पार्टी ने अपने कालखंड में थोड़ा भी ध्यान में रखा होता तो उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक किसानों ने उनके कालखंड में आत्महत्या नहीं की होती। सीएम योगी ने कहा कि मुझे महान साहित्यकार राम कुमार वर्मा जी की पंक्तियां याद आती हैं जिन्हें ध्यान में रखकर डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। यह देश के अन्नदाता किसानों के लिए समर्पित पंक्तियां थीं, ‘हे ग्रामदेवता नमस्कार, सोने चांदी से नहीं किंतु तुमने मिट्टी से किया प्यार, हे ग्राम देवता नमस्कार।’ सोना-चांदी से प्यार करने वाले लोग अन्नदाता किसान के महत्व को नहीं समझेंगे। उसकी पीड़ा को भी नहीं समझ पाएंगे। उन्होंने अखिलेश यादव को सीख देते हुए कहा कि अगर भारत की खेती की बात होती है तो नेता विरोधी दल, उससे बाड़ी शब्द भी जुड़ता है। पशुपालन भी उसका पार्ट है। और जिस सांड़ की आप बात कर रहे हैं न वो भी उसी का हिस्सा है। आपके समय में वो बूचड़ खाने के हवाले होता था, हमारे समय में यही पशु धन का हिस्सा बना हुआ है।
बाढ़ और सूखे पर अखिलेश को सिर्फ गोरखपुर का जल जमाव याद आया
सीएम योगी ने अखिलेश यादव को बाढ़ और सूखे पर न बोलने के लिए भी लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि पिछले एक घंटे के अपने वक्तव्य में नेता विरोधी दल को बाढ़ और सूखा से संबंधित मुद्दों पर सिर्फ गोरखपुर का जल जमाव याद आया और बाकी कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल के वक्तव्य को देखकर यही लगा कि 2014, 2017, 2019 और 2022 का जो जनादेश है वो जनता ने ऐसे ही नहीं दिया। सीएम योगी ने कहा कि किसान कभी आपके एजेंडे में रहा ही नहीं। हमारे लिए किसान किसी जाति में नहीं बंटा है। किसान की जाति, मत मजहब नहीं है। किसान के सम्मान के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि है, फसल बीमा और स्वॉयल हेल्थ कार्ड है। एमएसपी जिसमें लागत का डेढ़ गुना दाम तय किया गया, उन्हीं किसानों के लिए है।
कांवड़यात्रा पर पुष्पवर्षा से भी नेता प्रतिपक्ष को है परेशानी
कांवड़ यात्रा पर अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए सीएम योगी ने कहा कि कांवड़ यात्रा में पुष्पवर्षा से नेता प्रतिपक्ष को परेशानी होती है। आपने तो कांवड़ यात्रा को बैन कर दिया था। हमारी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। केवल संवाद बनाती है, तो सड़कों पर नमाज नहीं होती। जनमाष्टमी पर भी आप लोगों ने पुलिस लाइन में आयोजन पर रोक लगा दिया था। वोट बैंक प्रभावित होने का डर था। मैंने आते ही कहा कि हर थाने, हर बैरक और हर जेल में जनमाष्टमी का आयोजन धूमधाम से होगा। आज चार करोड़ लोग हरिद्वार और गाजियाबाद के बीच कांवड़ लेकर चलते हैं। मुझे उनपर पुष्पवर्षा का अवसर मिला। वहां तो सभी जाति के लोग आते हैं। मगर नेता प्रतिपक्ष को पुष्पवर्षा से परेशानी है। पर्व और त्योहार शांतिपूर्वक मनाए जा रहे हैं। किसी समुदाय को दिक्कत नहीं है।