राजधानी लखनऊ के विकास को लगे पंख, बदली हुई दिखेगी राजधानी

लखनऊ, 15 जुलाई। सीएम योगी की अगुवाई में राजधानी लखनऊ की सूरत बदल रही है। राजधानी में लाखों करोड़ की परियोजनाएं चल रही हैं, जो लखनऊ की रंगत को बदल देंगी। इनमें से कई परियोजनाएं लगभग पूर्ण हो चुकी हैं तो कुछ परियोजनाएं जल्द पूर्ण होने की संभावना है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद राजधानी लखनऊ का विकास और अधिक समृद्ध हो जाएगा। खासतौर पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, रेल विकास एवं एयरपोर्ट विकास से संबंधित परियोजनाएं लखनऊ की सुंदरता और इसके महत्व को नई ऊंचाई प्रदान करेगी।

तेजी से चल रहा है रिंग रोड का कार्य

मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के समक्ष लखनऊ की विकास परियोजनाओं के संबंध में दिए गए प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि लखनऊ रिंग रोड परियोजना प्रगति पर है। इसके अंतर्गत सुल्तानपुर रोड से बेहटा रोड का 94 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। बेहटा से सीतापुर रोड तक 64 प्रतिशत कार्य हो चुका है। वहीं सीतापुर से कुर्सी रोड तक 99.56 प्रतिशत और कुर्सी रोड से अयोध्या रोड तक 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। रिंग रोड करीब 105 किमी. लंबा है। वहीं लोकनिर्माण विभाग द्वारा मुंशीपुलिया चौराहा पर बनाए जा रहे फ्लाईओवर का 31 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। खुर्रमनगर चौराहे पर 2.6 किमी. एलीवेटेड रोड के निर्माण का भी 36 प्रतिशत कार्य संपन्न हो रहा है।

एयरपोर्ट के टर्मिनल का विस्तार

चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट में टर्मिनल का विस्तार किया जा रहा है। इसके अंतर्गत एयरपोर्ट की वार्षिक यात्री क्षमता को 43 लाख से बढ़ाकर 1.37 करोड़ प्रतिवर्ष किया जाना है। साथ ही पीक ऑवर यात्री हैंडलिंग क्षमता को वर्तमान क्षमता लगभग 1000 यात्री प्रतिघंटा से बढाकर 4000 हजार यात्री प्रतिघंटा तक किया जाएगा। इसके अलावा नए टर्मिनल टी-3 में सेल्फ चेक-इन कियॉस्क, सेल्फ-बैगेज ड्रॉप्स, पैसेंजर ई गेट्स, डिजी-यात्रा, कनेक्टेड बोर्डिंग गेट्स के साथ-साथ बस बोर्डिंग गेट्स, ऑटोमेटेड गेट्स जैसी कई नई और ऐड ऑन पैक्स सुविधाएं, ट्रे रिट्रीवल सिस्टम, बड़ा और बेहतर बैगेज रिक्लेम बेल्ट, पीक आवर की मांग को पूरा करने के लिए संपर्क द्वारों में स्विंग प्रावधान, बड़ा शुल्क-मुक्त क्षेत्र आदि किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू प्रस्थान और आगमन के लिए विशेष वीआईपी द्वार का भी निर्माण किया जा रहा है। वहीं टी-3 चरण-2 के लिए एक स्काईवॉक, टर्मिनल को मेट्रो स्टेशन से जोड़ने का भी प्रस्ताव है।

बदल रही गोमती नगर रेलवे स्टेशन की सूरत

गोमती नगर रेलवे स्टेशन का भी पुनर्विकास किया जा रहा है और पहले चरण के दिसंबर 2023 तक पूर्ण होने की डेडलाइन रखी गई है। इसके तहत नॉर्थ टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य 75 प्रतिशत, साउथ टर्मिनल बिल्डिंग 10 प्रतिशत, कॉनकोर्स 10 प्रतिशत, फ्लाई ओवर 70 प्रतिशत, यूटिलिटी बिल्डिंग 40 प्रतिशत एवं आर-1 और आर-2 की 90 प्रतिशत तक भौतिक प्रगति हो चुकी है। इसकी कुल कॉस्ट 377 करोड़ रुपए से ज्यादा की है और कुल मिलाकर 55 प्रतिशत तक भौतिक प्रगति हो चुकी है। मई 2018 से विकास कार्य की शुरुआत हुई थी, जिसके तहत एक्स स्टेशन बिल्डिंग का कार्य दिसंबर 2023 तक और स्टेशन बिल्डिंग मई 2024 तक पूर्ण होने की संभावना है।

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