लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विद्युत दुर्घटनाओं ने भी 2022-23 में सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। इसका खुलासा अभी हाल में जारी किये गये केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट में हुआ है। प्रदेश में हर दिन चार व्यक्तियों की मृत्यु विद्युत करंट के चपेट में आ जाने से हो जाती है। जिसमें कई मामलों में विद्युत विभाग की लापरवाही सामने आती है, लेकिन इन लोगों को बचाने का विभागीय उपाय नहीं किये जाते हैं।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने बुधवार को नियामक आयोग के सदस्य से मिलकर इस मामले में ठोस कार्रवाई की गुहार लगायी। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि इस संबंध में युद्ध स्तर पर काम करना होगा। तारों का प्रबंधन ठीक करना होगा, जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों की उदासीनता के चलते जिस प्रकार से विद्युत करंट से आम जनमानस की जाने जा रही है।
विद्युत दुर्घटनाओं पर ध्यान दें तो 2012-13 में 1048 विद्युत दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें 570 व्यक्तियों की मौत हो गयी। वहीं 2013-14 में 1204 विद्युत दुर्घटनाओं में 611, 2014-15 में 1185 दुर्घटनाओं में 629, 2015-16 में 1352 दुर्घटनाओं में 723, 2016-17 में 1824 दुर्घटनाओं में 958, 2018-19 में 1073 दुर्घटनाओं में 1116 और 2022-23 में 1316 दुर्घटनाओं में 1428 लोगों की मौत हो गयी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष वह राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के सदस्य बी0के श्रीवास्तव व संजय कुमार सिंह से चर्चा की और कहा जल्द ही उपभोक्ता परिषद विद्युत नियामक आयोग के सामने विद्युत दुर्घटना पर अंकुश लगाने के लिए एक रिपोर्ट प्रेषित करेगा। पिछले वित्तीय वर्षों जो लोगों की मृत्यु हुई, अपने आप में चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि महज पांच साल में विद्युत दुर्घटना में मरने वालों की संख्या में दोगुना की वृद्धि चिंता का विषय है और यह विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।