चंडीगढ़। लगातार तीसरे दिन जारी बारिश और नदियों में भारी जल प्रवाह के कारण पंजाब के रोपड़ और पटियाला जिलों में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है। इस बीच राहत एवं बचाव कार्य तथा नदियों और नहरों के तटबंधों को मजबूत करने के लिए सोमवार को सेना को तैनात किया गया।
सेना के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, “पटियाला और रोपड़ के उपायुक्तों से नदी और नहर में आई दरारों के मद्देनजर सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ है।”
दो कॉलम के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए रैकी टीमें रवाना हो गई हैं। प्रवक्ता ने बताया कि दरार को बंद करने और बचाव कार्य में ये उपायुक्तों की मदद करेंगे।
रोपड़ में स्थिति का आकलन करने के लिए एक दल भेजा गया है, जहां एक बार फिर नहर में दरार आ गई है, जिससे गांव जलमग्न हो गए हैं। स्थिति के मूल्यांकन के आधार पर कॉलम आगे बढ़ेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि पटियाला जिले के राजपुरा कस्बे में एक वृद्धाश्रम से लोगों को निकालना शुरू कर दिया गया है और राजपुरा की ओर दरार को रोकने के लिए तटबंध को मजबूत किया जा रहा है।
इसके अलावा सेना चितकारा विश्वविद्यालय से बाढ़ का पानी हटा रही है जहां लगभग 2,000 छात्र फंसे हुए थे।
प्रवक्ता ने कहा, “कुल 910 छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया और बाकी को भी जल्द ही निकाल लिया जाएगा।”
इसके अलावा फिरोजपुर जिले में जीरा के उपमंडलीय मजिस्ट्रेट से प्राप्त मांग के आधार पर, जीओसी 7 इन्फैंट्री डिवीजन ने अराजी सबरन गांव के पास सतलुज नदी में फंसे 25-30 लोगों को बचाया।
रविवार से निकासी अभियान की निगरानी कर रही पटियाला की उपायुक्त साक्षी साहनी ने लोगों से उनसे या हेल्पलाइन नंबर 0175-2311321 पर संपर्क करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और टीमें बड़ी नदी पर काम कर रही हैं और इसमें कोई दरार नहीं है।”
पूर्व विदेश राज्य मंत्री और वर्तमान में पटियाला से सांसद परनीत कौर ने रविवार को पटियाला के बारिश प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।
उन्होंने संजय कॉलोनी और घलोरी गेट समेत पटियाला की बड़ी नदी से सटे इलाकों का दौरा किया।
शहर में बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद पटियाला सांसद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह देखकर दु:ख हो रहा है कि पिछले दो-तीन दिन में लगातार बारिश ने देश भर में तबाही मचाई है। पटियाला में भी शहर के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं और कई स्थानों पर जलभराव का सामना करना पड़ रहा है।”