धीरज राजपाल/ अयोध्या । दुनिया के कोने-कोने तक फैले असंख्य राम भक्तों की निगाहें पृथ्वी की जिस भूमिखण्ड पर जिस मंदिर निर्माण पर टकटकी लगाए बैठी हैं, रामलला के दरबार का भव्य निर्माण हो रहा है. अयोध्या में राम जन्म भूमि के भूतल का काम और गर्भ ग्रह का काम लगभग समाप्त हो चुका है. भूतल के खंभों में मूर्तियों को उकेरने का काम चल रहा है, छत का काम भी पूरा हो चुका है.
राम मंदिर आने वाले भक्तों को सबसे पहले 35 सीढ़ियां चढ़नी होंगी तब अपने रामलला के दरबार में पहुंचेंगे सबसे पहला मंडप होगा सिंह द्वार, गुड़ी मंडप ,नृत्य मंडप, भजन मंडप उसके बाद हम उस जगह पहुंचेंगे जहां पर राम भक्तों के आराध्य रामलला को विराजमान किया जाना है, सिंहद्वार का दरवाजा स्वर्ण जड़ित होगा, तीन मंजिला इस मंदिर में कुल मिलाकर 42 चौखट और दरवाजे लगाए जाएंगे, महाराष्ट्र के चंद्रपुर के जंगलों से खास तरह की सावन की लकड़ियां अयोध्या लाई गई है ,जिस पर दरवाजे और चौखटों को बनाने का काम चल रहा है, रामलला की मूर्ति का निर्माण भी कर्नाटक की शान सिला से किया जा रहा है 5 फुट के बालस्वरूप रामलला की मूर्ति का निर्माण हो रहा है रामलला के अधरों पर मुस्कान होगी और हाथ में धनुष बाण लिए हुए सुशोभित होंगे.
राम मंदिर को इस तरह से बनाया जा रहा है कि 1000 वर्षों तक किसी भी कारण से राम मंदिर डिग न सके, राम मंदिर को शरीर की जलधारा से सुरक्षा के लिए रिटेनिंग वॉल का भी निर्माण किया गया है कि भविष्य में शरीर की जलधारा से मंदिर को कोई प्रभाव ना पड़े हालांकि ऐसी संभावना बहुत कम है फिर भी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण में किसी भी चूक से समझौता नहीं कर रहा है, नागर शैली में बन रहे इस दिव्य और भव्य 161 फुट ऊंचे राम मंदिर में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से लाए गए लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इन्हीं पत्थरों से अयोध्या में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन का भी निर्माण किया जा रहा है, राम मंदिर में एक साथ तीन सौ राम भक्तों के एक साथ दर्शन करने की व्यवस्था बनाई जा रही है।
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की धूम चारों ओर है, अयोध्या दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस दीपोत्सव से ही रामलला के कोन के गर्भ ग्रह में विराजमान करने का उत्सव शुरू कर देना चाहिए, 17 जनवरी से 24 जनवरी 2024 लगभग 7 दिनों तक रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलेगा, प्राण प्रतिष्ठा से 10 दिन पहले पूरे देश के मंदिरों ग्राम पंचायतों और मोहल्लों में राम नाम का संकीर्तन होगा हिंदू धर्म के अलावा जैन और सिख धर्म से भी ट्रस्ट ने उनके हिसाब से प्राण प्रतिष्ठा से पहले अपने आयोजनों को करने के लिए आवाहन किया है, उसके बाद 24 जनवरी वह तारीख होगी जिसका इंतजार 500 वर्षों से पलके बिछाए करोड़ों राम भक्त कर रहे हैं, 24 जनवरी 2024 तारीख होगी जब राम मंदिर निर्माण के संघर्षों में बलिदान हुए हजारों बलिदानियों और पीढ़ी दर पीढ़ी इंतजार कर रहे उनके परिवारों का सपना साकार होगा, 24 जनवरी वह तारीख होगी जब रामलला टाट से ठाट की ओर अपने नवनिर्मित भवन में विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे।