मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी स्टीयरिंग कमेटी रखेगी अन्य कमेटियों की कार्यप्रणाली पर नजर, विस्तृत कार्ययोजना तैयार

लखनऊ, 8 जून। देश के फूड बास्केट के तौर पर विख्यात उत्तर प्रदेश में अन्नदाता किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का समुचित लाभ पहुंचाने की दिशा में योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्र द्वारा फसलों के निरीक्षण को लेकर संचालित एग्रीस्टैक योजना को उत्तर प्रदेश में लागू करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप 4 स्तरीय कमेटियों का गठन कर दिया गया है। इसमें सबसे मुख्य स्टीयरिंग कमेटी होगी जिसकी अध्यक्षता खुद मुख्य सचिव करेंगे। जबकि इंप्लीमेंटेशन समिति के तौर पर राज्य, जिला और तहसील स्तर की कमेटियों का भी गठन कर दिया गया है जो विभिन्न स्तरों पर एग्रीस्टैक योजना को लागू करने का कार्य करेंगी। वहीं, स्टीयरिंग कमेटी न केवल इन सभी कमेटियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगी बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना को उचित तरीके से लागू कराए जाने में कोई कसर न रह जाए।

कई मायनों में खास है एग्रीस्टैक योजना

राज्य में पहले से ही ई-पड़ताल सर्वे की तैयारी शुरू हो चुकी है जिसे एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत ही मूर्त रूप दिया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए प्रदेश के 75 जिलों के 350 तहसीलों के अंतर्गत आने वाले 31002 लेखपाल अधीन क्षेत्र व 35983 ई-पड़ताल क्लस्टर्स के आंकड़ों को समावेशित किया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड फार्मर्स पोर्टल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए एग्रीस्टैक योजना को देश में लागू करने का निर्णय लिया गया था। एग्रीस्टैक का लक्ष्य किसानों तक उनकी फसलों की जरूरत के मुताबिक सस्ता ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि इनपुट तक पहुंच, विशिष्ट सलाह समेत बाजारों तक पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए आसान डिजिटल रास्ता उपलब्ध कराना है। यह सरकारों द्वारा किसानों तक योजनाओं के समुचित लाभ को पहुंचाने का कार्य भी करेगा और इसी कड़ी में ई-पड़ताल सर्वे द्वारा तैयार किए गए डाटाबेस अहम भूमिका निभाएगा।

स्टीयरिंग कमेटी लेगी आवश्यक निर्णय

उत्तर प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना को लागू कराने के लिए राज्य स्तरीय 15 सदस्यीय स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी निरीक्षण के अतिरिक्त योजना के क्रियान्वयन के लिए समय समय पर जरूरी प्रशासनिक व वित्तीय निर्णय लेने में सक्षम होगी। स्टीयरिंग कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा खुद करेंगे। जबकि कमेटी के सदस्यों के तौर पर कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव राजस्व विभाग, अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव नियोजन, अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव उद्यान, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग व गन्ना विकास विभाग, अपर मुख्य सचिव कृषि विभाग, भारत सरकार द्वारा नामित प्रतिनिधि, कृषि सचिव, आयुक्त व सचिव राजस्व परिषद, आयुक्त गन्ना विकास विभाग, निदेशक उद्यान विभाग, कृषि निदेशक व एनआईसी के एसईओ अपनी भूमिकाओं का निर्वहन करेंगे। यह कमेटी विभिन्न विभागों के समन्वय से कन्वर्जेंस व निरीक्षण के अतिरिक्त व्यय के मदों, प्रोत्साहन राशि का निर्धारण समेत विभिन्न वित्तीय व प्रशासनिक नीतिगत निर्णय लेगी।

 

अपर मुख्य सचिव करेंगे इंप्लीमेंटेशन कमेटी की अध्यक्षता

अपर मुख्य सचिव कृषि/राजस्व विभाग की अध्यक्षता में इंप्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया गया है जो कि राज्य, जिला और तहसील स्तर की कमेटियों के समायोजन को ध्यान में रखकर कार्य करेगी। राज्य, जिला और तहसील स्तर की कमेटियों को एक साथ मिलाकर इंप्लीमेंटेशन कमेटी का नाम दिया गया है क्योंकि प्रदेश में एग्रीस्टैक योजना को धरातल पर लागू करने के लिए इन तीनों ही कमेटियों का सुचारू रूप से काम करना आवश्य है। इंप्लीमेंटेशन कमेटी की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति में अपर मुख्य सचिव (उद्यान) अथवा उनके द्वारा नामित सदस्य, अपर मुख्य सचिव नियोजन, राजस्व परिषद से अपर आयुक्त, गन्ना विकास विभाग के आयुक्त, उद्यान विभाग के निदेशक, कृषि निदेशक, कृषि सांख्यकी व फसल बीमा उ.प्र के निदेशक, एनआईसी के एसआईओ, एसएनओ समेत कृषि निदेशक द्वारा नामित दो कृषक भी बतौर सदस्य अपनी भूमिका निभाएंगे। वहीं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समितियों का गठन किया गया है। वहीं, तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी का निर्धारण एग्रीस्टैक योजना को मूर्त रूप देने के लिए सुनिश्चित किया गया है।

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