- श्रावण मास व त्योहारों के मद्देनजर योगी सरकार का निर्देश
- अयोध्या क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधानुसार बसों की संख्या पर्याप्त रखने के निर्देश
- बसों एवं बस स्टेशनों पर साफ-सफाई की भी व्यवस्था रहेगी उत्तम
लखनऊ: योगी सरकार ने अयोध्या क्षेत्र में श्रावण मास में पड़ने वाले मणि पर्वत मेला, नागपंचमी व रक्षाबंधन के अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं व लोगों के दृष्टिगत आवागमन के लिए बसों की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिये। 12 जुलाई से 31 अगस्त तक कांवड़िये, मुख्य रूप से बस्ती, गोण्डा, बहराइच, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली व बाराबंकी के रास्ते लाखों श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। इस निमित्त योगी सरकार ने यातायात की उत्तम सुविधा देने का भी निर्देश दिया है।
यात्रियों को मुहैया हो बेहतर सुविधाएं
योगी सरकार के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने 19 अगस्त को होने वाले मुख्य पर्व (मणिपर्वत मेला) के दृष्टिगत बसों का संचालन यात्रियों की उपलब्धता के अनुसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने यात्रियों को आवागमन की बेहतर सुविधा उपलब्ध होने, बसों व बस स्टेशन साफ सुथरे रखने को भी कहा। स्टेशन पर शौचालय की व्यवस्था उत्तम रखी जाए। उन्होंने कहा कि यात्रियों की संख्या में वृद्धि से निगम की आय में भी वृद्धि होती है।
गोंडा, अकबरपुर व सुल्तानपुर में 20-20 बस लगाने के निर्देश
उप्र परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने जानकारी दी कि अयोध्या क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या के दृष्टिगत 120 बसों को विभिन्न डिपो में लगाये जाने के निर्देश क्षेत्रीय प्रबंधन अयोध्या को दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि गोण्डा, अकबरपुर व सुल्तानपुर बस स्टेशन पर 20-20, बलरामपुर व गोरखपुर बस स्टेशन पर 10-10, बहराइच, बस्ती, बस्ती (सुलतानपुर), जहांगीर, जगदीशपुर व भिटरिया बस स्टेशन पर 05-05 बसें, टांडा में 4 तथा गौर बाजार, बभनान, घनघटा बस स्टेशन पर 02-02 बसों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।
आवश्यकतानुसार अन्य बसों का होगा संचालन
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि इसके अतिरिक्त आवश्कतानुसार गोरखपुर क्षेत्र के बस्ती व सिद्धार्थनगर डिपो से अतिरिक्त बसों का भी संचालन किया जायेगा। स्टाफ की भी संख्या पर्याप्त रखने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे कि बसों का संचालन सुचारू रूप से हो सके एवं श्रद्धालु/यात्रियों को आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।