दरअसल, राज्य में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा 1.70 लाख शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इस बीच सरकार द्वारा नियमावली में संशोधन करते हुए नियुक्ति में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के भाग लेने की छूट दिए जाने को लेकर स्थानीय शिक्षक अभ्यर्थी नाराज हो गए। नियुक्ति नियमावली में संशोधन के विरोध में शिक्षक अभ्यर्थियों ने शनिवार से आंदोलन की शुरुआत करने की घोषणा की थी।
इसी घोषणा के तहत पूरे राज्य के सैकड़ों अभ्यर्थी सुबह पटना के जेपी गोलंबर पहुंचे और बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के बैनर तले राजभवन की ओर बढ़े। जेपी गोलंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ अभ्यर्थी आगे बढ़ गए। शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की सूचना को लेकर पुलिस पहले से ही तैयार थी। शिक्षक अभ्यर्थियों के गांधी मैदान के पास जेपी गोलंबर से डाक बंगला चौराहा पर पहुंचने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इसके बाद पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों के हाथापाई की भी सूचना है।
पुलिस ने अभ्यर्थियों को हटाने का प्रयास किया। लेकिन, जब वे नहीं माने तब पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। इस दौरान अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों का कहना है कि एक तो शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही और अब स्थानीयता की अहर्ता को हटा देना अभ्यर्थियों पर अत्याचार है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री ने बिहार के छात्रों को लेकर जो बयान दिया, वह भी सही नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी भी दी है कि जब तक इस संशोधन को वापस नहीं लिया जाता आंदोलन जारी रहेगा।