- 13.54 करोड़ रुपए के अग्रिम भुगतान को मिली स्वीकृति, आंगनबाड़ी केंद्रों से जनता तक लाभ पहुंचाने का लक्ष्य
- वित्त विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के समायोजन से हासिल किया जाएगा लक्ष्य
लखनऊ, 23 जून। उत्तर प्रदेश में ‘पुष्टाहार’ के तौर पर ‘फोर्टिफाइड चावल’ की आपूर्ति और वितरण को प्रभावी रूप से सुचारू रखने की दिशा में योगी सरकार ने एक और सकारात्मक कदम उठाते हुए 6 माह से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभान्वित करने का मार्ग सुनिश्चित कर दिया है। प्रदेश में पुष्टाहार के जरिए कुपोषण नियंत्रण की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए सीएम योगी ने अब आंगनबाड़ी केंद्रों में ‘फोर्टिफाइड चावल’ के इस्तेमाल का मार्ग प्रशस्त करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति पर आने वाले अनुमानित व्यय के अग्रिम आहरण को स्वीकृति दे दी है। वित्त विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के समायोजन से इस लक्ष्य को प्राप्त किए जाने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में पहले ही नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट (एनएफएसए) के अंतर्गत 46.10 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल के वार्षिक आवंटन के जरिए 15.05 करोड़ लाभार्थियों को लाभान्वित करने का प्रयास जारी है। ऐसे में, एक ओर जहां माना जा रहा है कि इस साल जुलाई तक प्रदेश के हर जिले में एनएफएसए लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पूरी हो सकती है, वहीं आंगनबाड़ी के जरिए 6 माह से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभान्वित करने के प्रयासों में भी तेजी लाई जा रही है।
13.54 करोड़ रुपए के अग्रिम भुगतान को मिली स्वीकृति
सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, प्रदेश में पुष्टाहार के तौर पर फोर्टिफाइड चावल के वितरण के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति पर आने वाले अनुमानित व्यय के अग्रिम आहरण के लिए 13.54 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम स्वीकृत की गई है। फोर्टिफाइड चावल के वितरण को सुनिश्चित करने के लिए वित्त विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के आपसी समायोजन के निर्देश दिए गए हैं। योजना से संबंधित भारत सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत की गयी समस्त अग्रिम धनराशि का समायोजन 31 मार्च 2024 तक अवश्यक रूप से हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रखेंगे प्रक्रिया पर निगरानी
जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी। प्रक्रिया के मुताबिक, उनके द्वारा हर महीने आंगनबाड़ियों से खाद्यान्न की आवश्यकता का आगणन कराकर स्वयं के हस्ताक्षर से खाद्यान्न की मांग संबंधी जानकारी खाद्य एवं रसद विभाग को दी जायेगी और आपूर्ति उसी अनुरूप होगी। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा खाद्यान्न का परिवहन राशन की दुकान तक करते हुए खाद्यान्न उचित दर विक्रेता तक पहुंचाने की सूचना जिला कार्यक्रम अधिकारी को दी जाएगी। खाद्य एव रसद विभाग का यह दायित्व होगा कि धनराशि के समायोजन की सूचना हर महीने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा।
कई गुणों की खान है ‘फोर्टिफाइड राइस’
आमतौर पर मिलिंग और प्रोसेसिंग प्रक्रिया चावल की वसा और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर चोकर की परत को हटा देती है, वहीं फोर्टिफाइड राइस में ये सभी गुण संवर्धित रहते हैं। इसमें विटामिन बी-1, विटामिन बी-6, विटामिन ई, नियासिन, आयरन, जिंक, फॉलिक एसिड, विटामिन बी-12 और विटामिन ए जैसे तत्वों को संरक्षित कर ब्लेंडिंग प्रक्रिया के जरिए सूक्ष्म पोषक तत्वों को संवर्धित किया जाता है। यही कारण है कि देश में एनीमिया समेत कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के जड़ से निराकरण के लिए फोर्टिफाइड राइस एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है। इसीलिए, एनएफएसए की राइस फोर्टिफिकेशन योजना के जरिए देश में इसके वितरण की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रदेश में तीन फेज में जारी है वितरण
- प्रदेश के 15.05 करोड़ एनएफएसएल लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल का लाभ उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने कमर कस ली है।
- मार्च 2024 तक प्रदेश में 1718 ब्लेंडर युक्त चावल मिलों के जरिए 79,365 राशन की दुकानों द्वारा 3.61 करोड़ राशन कार्ड धारी परिवारों को फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं।
- केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशन में प्रदेश में फोर्टिफाइड चावल वितरण के जरिए लोगों को लाभ पहुंचाने का काम तीन फेज में जारी है।
- पहले फेज में मार्च 2022 तक पूरे देश में आईसीडीएस और पीएम पोषण योजना को प्रभावी रूप से सुचारू किया गया।
- वहीं, दूसरे फेज में हाई बर्डन जिलों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा तय की जा रही है।
- तृतीय चरण में मार्च 2024 तक सभी जिलों तक फोर्टिफाइड राइस के लाभ लोगों तक सुचारू रूप से पहुंचाने को प्राथमिकता दी जा रही है।
- प्रदेश में 73 जिलों में आवंटन प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल, प्रदेश में फोर्टिफाइड चावल की मासिक आवश्यकता 4.95 लाख मीट्रिक टन है जबकि प्रदेश के पास कुल 24.56 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध है।