बांदा : 30 बैलगाड़ियों पर सवार तकरीबन डेढ़ सौ बाराती। सभी के सिर पर एक ही रंग की पगड़ी और पारंपरिक परिधान धोती-कुर्ता। काफिले की अगुवाई करते आगे चल रहे चार घोड़े। सभी 60 बैलों के सींगों में हरे रंग की पट्टी बंधी हुई है। सिर पर पगड़ी पहने बारातियों समेत तमाम महिलाएं नाच-गाना करते चले जा रहे हैं। सेहरा सजाए दूल्हा भी किसी लक्जरी चौपहिया की बजाय इसी काफिले में आगे चल रही बैलगाड़ी पर सवार है….वैसे तो इस तरह के दृश्य 90 के दशक में आम तौर पर देखने को मिल जाते थे, लेकिन सोमवार को बांदा के बबेरू में शादी के लिए जा रही इस बारात को देख हर कोई आश्चर्य में पड़ गया।
काफिले ने तकरीबन 14 किलोमीटर का सफर बैलगाड़ियों पर ही तय किया और जनवास पहुंचा। अगल-बगल से निकलने वाले वाहनों के पहिये भी थोड़ी देर के लिए थम रहे थे। कोई उतरकर सेल्फी लेता रहा तो कोई वीडियो बनाता रहा। शाम होते-होते अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस अनोखी बारात के फोटो-वीडियो चर्चा का विषय बने रहे।
सोमवार को दफ्तरा गांव निवासी भाकियू नेता अवधेश सिंह पटेल के बेटे पवन की शादी कोलकाता के कदरत नक्सरपारा दक्षिण-24 पारागंज के ग्राम नरेंद्रपुर निवासी सनद कुमार की बेटी मधुमिता से हुई। दुल्हन पक्ष ने यहीं आकर शादी की है। अवधेश सिंह पटेल ने बताया कि बेटा और बहू एक साथ मैनेजमेंट का कोर्स किया है। दूल्हा-दुल्हन समेत सभी परिजनों की इच्छा थी कि पुराने रिवाजों को दोहराते हुए बारात लेकर जाया जाए। उन्होंने बताया कि हर किसी के मन में होना चाहिए कि कैसे पुराने रिवाजों और संस्कृति को बचाया जा सके। दोनों पक्षों की रजामंदी पर 14 किलोमीटर का सफर तयकर बारात तिन्दवारी रोड स्थित एक मैरिज हॉल पहुंची तो हर कोई स्तब्ध था और इस पहल की सराहना कर रहा था।
बांदा में दूसरी बार बैलगाड़ियों पर बारात
जिले में यह दूसरा मौका रहा, जब बैलगाड़ियों में बारात पहुंची। इससे पहले 29 मई को बबेरू निवासी भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विजय विक्रम सिंह अपने भांजे आलोक सिंह की बारात बैलगाड़ी से ले गए थे।