राघवेन्द्र प्रताप सिंह : भारत में काफी समय से इस बात पर चर्चा हो रही है कि एलजीबीटी समुदाय को विवाह का अधिकार दिया जाए अथवा नहीं क्योंकि परंपरागत रूप से आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिकता को अपराध घोषित किया गया था और अब भारतीय-अमेरिकी समलैंगिक समुदाय ने की पीएम मोदी से समर्थन की मांग की है। पीएम मोदी इस महीने राष्ट्रपति जो बाइडन और अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर जाएंगे। इसी संदर्भ में भारतीय अमेरिकी समलैंगिक समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में समलैंगिक समुदाय को समान अधिकार देने का आग्रह किया है।
पीएम मोदी अपने चार दिवसीय दौरे की शुरूआत 21 जून से करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी 22 जून को राजकीय रात्रिभोज के लिए पीएम मोदी की मेजबानी करेंगे।
आपको बता दें कि साल 2018 में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा देने के भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, समलैंगिक विवाह को क़ानूनी आधार देने की मांग पुरज़ोर तरीके से उठनी शुरू हुई। देश की अलग-अलग अदालतों में करीब 20 याचिकाएं दायर की गईं थी लेकिन प्रमुख याचिकाओं में हैदराबाद के रहने वाले गे कपल सुप्रिया चक्रवर्ती और अभय डांग की याचिका शामिल है। दोनों पिछले 10 सालों से प्रेम-संबंध में हैं और अपनी शादी को क़ानूनी मान्यता दिलाना चाहते हैं।
साल 2022 में इस कपल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया और अपनी याचिका के ज़रिए मांग की कि अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार LGBTQIA+ नागरिकों को भी मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।