(शाश्वत तिवारी) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिक के निमंत्रण पर 7 से 9 जून तक सर्बिया गणराज्य का राजकीय दौरा किया। यह उनकी यूरोप की पहली यात्रा थी और किसी भी देश के राष्ट्राध्यक्ष की पहली यात्रा थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने बेलग्रेड में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने भारतीय समुदाय और भारत के दोस्तों के साथ बातचीत की। अपने संबोधन में उन्होंने भारत के एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने और इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले असंख्य अवसरों पर प्रकाश डाला और उनसे भारत-सर्बिया संबंधों को मजबूत करने की दिशा में सकारात्मक योगदान देने का आह्वान किया।
8 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सर्बिया पैलेस में एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद उन्होंने ‘स्मारक टू द अननोन हीरो’ पर पुष्पांजलि अर्पित की। अंत में राष्ट्रपति वुसिक ने अपने महल निवास पर राष्ट्रपति के सम्मान में रात्रि भोज का भी आयोजन किया। राष्ट्रपति वुसिक ने ओडिशा में हुए दुखद ट्रेन हादसे में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रों की संप्रभुता पर सर्बिया के रुख को भी दोहराया।
द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान राष्ट्रपति वुसिक के साथ उनकी सरकार के आठ मंत्री शामिल हुए। इस दौरान फिल्म निर्माण और छायांकन सहित रक्षा और सैन्य- तकनीक सहयोग, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि, औद्योगिक सहयोग, सूचना प्रौद्योगिकी, एआई और सांस्कृतिक सहयोग सहित क्षेत्रों में संभावित आपसी जुड़ाव के आसपास चर्चा हुई।
सर्बिया की प्रधानमंत्री एना ब्रनाबिक ने राष्ट्रपति के सम्मान में एक लंच का आयोजन किया, जिसके दौरान व्यापार, आर्थिक, पर्यटन और संस्कृति में संभावित सहयोग पर चर्चा हुई। साथ ही उन्होंने डिजिटलीकरण और साइबर सुरक्षा में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
नेशनल असेंबली के अध्यक्ष द्वारा आह्वान के दौरान राष्ट्रपति ने सांसदों के आदान-प्रदान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा ने भारत और सर्बिया के बीच मजबूत संबंधों की पुष्टि की है। इस यात्रा से हमारे संबंधों, विशेष रूप से आर्थिक संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है।