वाराणसी में 17 करोड़ की लागत से गंगातट पर बनेगा जैन तीर्थंकर को समर्पित भव्य घाट

Ancient Varanasi city architecture and Ganges river ghat at sunset with view of an Indian sadhu sitting a boat on the river Ganges.
  •  जैन धर्म के 8वें तीर्थंकर चंद्रप्रभु जी को समर्पित होगा बनारस का नया घाट
  •  भगवान चंद्रप्रभु जी की जन्मस्थली चंद्रावती के कायाकल्प में जुटी योगी सरकार
  •  चंद्रावती में पक्के गंगा घाट के साथ ही पूरे क्षेत्र को धार्मिक दृष्टिकोंण से डेवलप करने पर जोर

वाराणसी, 7 जून। अध्यात्म, धर्म और संस्कृति की नगरी काशी में जहां एक तरफ भगवान शिव का वास है तो वहीं तथागत गौतम बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली भी यहीं सारनाथ में है। काशी में तुलसीदास की कर्मभूमि से लेकर बाबा कीनाराम की अघोर तपोस्थली भी है। संत कबीर और संत शिरोमणि रैदास ने भी काशी की धरती से दुनिया को समरसता का संदेश दिया है। यही नहीं काशी जैन धर्म का भी प्रमुख तीर्थस्थल है। भगवान पार्श्वनाथ के साथ ही आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु की जन्मस्थली भी वाराणसी में ही है। ऐसे में योगी सरकार अब जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभुजी के चार कल्याणकों (च्यवन, जन्म, दीक्षा और केवलज्ञान) के स्थान का कायाकल्प करने में जुट गई है।

गाज़ीपुर रोड पर गंगा किनारे स्थित है पवित्र चंद्रावती गांव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब चंद्रप्रभु जी की जन्मस्थली चंद्रावती गांव में पक्के गंगा घाट का निर्माण कराया जा रहा है। वाराणसी में इस प्रकार एक नये घाट का निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है। इसकी लागत 17 करोड़ रुपए से अधिक है। वाराणसी मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर गाज़ीपुर रोड पर चंद्रावती गांव में जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभुजी की जन्मस्थली गंगा किनारे है। यहां भगवान चंद्रप्रभुजी का श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन मंदिर है।

हर साल आते हैं यहां लाखों जैन श्रद्धालु

पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र कुमार रावत ने बताया कि जैन धर्म को मानने वाले देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। घाट के पुनरुद्धार व सुविधाओं के बढ़ जाने से आने वाले समय में ये स्थान तीर्थाटन का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। आने वाले समय में इस घाट को पानी के रास्ते भी जोड़ने की योजना है। जिससे बोट या क्रूज़ से पर्यटन यहाँ पहुंच सके। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में पर्यटन के नए केंद्र के रूप में ये जगह विकसित होगी जिसका लाभ पर्यटन उद्योग को भी मिलेगा।

200 मीटर लंबा होगा घाट, बनाए जाएंगे तीन प्लेटफॉर्म

यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि भगवान चंद्रप्रभुजी की जन्मस्थली के पास लगभग 200 मीटर लम्बा पक्के घाट का निर्माण हो रहा है, तीर्थयात्रियों की सुविधा और घाट देखने में सुन्दर लगे इस लिए तीन प्लेटफार्म बनाया जा रहा है। घाट से नीचे उतरने के लिए सीढ़ियों होंगी। इसके अलावा पूरे घाट का हेरिटेज लुक होगा। साथ ही गाबियन (GABION) और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया जा रहा है, जिससे ये देखने में पुराने घाटों की तरह होगा और बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा। ये निर्माण पूरी तरह से ईको फ्रेंडली होगा। टॉयलेट ब्लॉक, पोर्टेबल चेंजिंग रूम, साइनेजेस, पार्किंग, हेरिटेज लाइट, बैठने के लिए पत्थर के बने बेंच होंगे और पत्थरों से बनी जालीनुमा खूबसूरत रेलिंग लगाई जाएगी, साथ ही बागवानी भी होगी। पूरे घाट के निर्माण की लागत 17.07 करोड़ है। घाट का निर्माण पूरे होने का वर्ष 2024 तक प्रस्तावित है।

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