जनभागीदारी कार्यक्रम से जागरूक होंगे छात्र, शिक्षक और अभिभावक

  • जी-20 सम्मेलनों की तर्ज पर शिक्षा के क्षेत्र में जनभागीदारी कार्यक्रमों के आयोजन पर योगी सरकार का फोकस
  • निपुण भारत मिशन के अंतर्गत विद्यालयों में 15 जून तक जानभागीदारी कार्यक्रम कराने के लिए दिए गए निर्देश
  • गतिविधियों में समर कैंप, निपुण टास्क फोर्स की बैठक से लेकर गृह भ्रमण से जागरूकता का प्रयास

लखनऊ, 4 जून। देश में आयोजित हो रहे जी-20 सम्मेलन की सफलता को देखते हुए जनभागीदारी गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यक्ता महसूस की जा रही है। इसी क्रम में प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत विद्यालयों में जनभागीदारी कार्यक्रम को आयोजन के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत निपुण भारत मिशन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा डिजिटल लर्निंग के क्षेत्र में की जा रही पहल के संबंध में शिक्षकों, अभिभावकों, समुदाय व जनप्रतिनिधियों को जागरूक किया जाएगा। इन गतिविधियों में समर कैंप के आयोजन से लेकर निपुण टास्क फोर्स की बैठक, गृह भ्रमण समेत जनपद, मंडल और राज्य स्तर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। इस संबंध में राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा सभी जिलों के डायट प्राचार्य, बीएसए एवं बीईओ को निर्देश जारी किए गए हैं।

समर कैंप के माध्यम से होंगी विभिन्न गतिविधियां 

राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद के अनुसार प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों के नवाचारी शिक्षकों द्वारा स्व प्रेरणा से समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन कर सार्थक एवं रचनात्मक वातावरण का सृजन किया जा सकता है। समर कैंप एक संरक्षित और आकर्षक वातावरण प्रदान करता है, जहां बच्चे कौशल सीख सकते हैं। समर कैंप के दौरान बच्चे विद्यालयों में होने वाली नियमित पढ़ाई से भिन्न अन्य रोचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। साथ ही विभिन्न सामाजिक कौशल का विकास कर सकते हैं। इसके लिए शिक्षकों द्वारा स्थानीय स्तर पर क्रियाशील ऐसे स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से भी सहयोग लिया जा सकता है जो इसमें स्वेच्छा से सहयोग करने के इच्छुक हों। समर कैंप अधिकतम दो घंटे का होना चाहिए और इसका आयोजन सुबह 7 बजे से ही किया जाए। अभिभावकों को भी इस समर कैंप से जोड़ने का प्रयास हो। रोचक गतिविधियों में बुनियादी भाषा एवं गणितीय दक्षता, कहानी सुनाने की कला, गीत-संगीत, कविता गायन, कला संबंधी कार्य, ऑरिगामी, न्यूज पेपर आर्ट तथा मुखौटा निर्माण के साथ पेंटिंग, प्रोजेक्ट कार्य, क्विज कांटेस्ट, रैली, प्रभात फेरी, शिक्षा चौपाल, इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, सेल्फ डिफेंस, योगाभ्यास एवं शैक्षिक फिल्में सम्मिलित हों, ताकि इसके माध्यम से रुचि बनी रहे। यही नहीं, आउटडोर-इंडोर खेल, थिएटर मिमिक्री समेत स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को भी इसमें जोड़ा जा सकता है।

जनपद, विकासखंड स्तर पर होगी टास्क फोर्स की बैठक

निर्देशों में ये भी कहा गया है कि निपुण भारत मिशन के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जनपद स्तरीय एवं विकासखंड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया जाए। इसमें जी-20 एनईपी निपुण की थीम पर विभिन्न गतिविधियों पर आधारित कार्यक्रम हों। शिक्षा के महत्व और निपुण भारत पर सत्र का आयोजन हो। साथ ही जी-20 डिजिटल इनीशिएटिव थीम पर डिजिटल लर्निंग कंटेंट (दीक्षा एप, निपुण लक्ष्य एप) का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा ट्री प्लांटेशन से संबंधित कार्यक्रम हो जिसमें डायट कैंपस, बीएसए ऑफिस और अन्य आसपास के क्षेत्रों में पौधरोपण किया जाए। एकेडमिक डेमो के अंतर्गत प्रिंट रिच, बिग बुक, मैथ-साइंस किट, विद्या प्रवेश गतिविधियों का प्रदर्शन हो। शिक्षा चौपाल व नुक्कड़ नाटक के अंतर्गत स्थानीय लोगों के साथ बैठक की जाए और उन्हें जागरूक किया जाए। इसी तरह रोल प्ले के तहत क्लास रूम टीचिंग, गतिविधियों पर आधारित लर्निंग और निपुण गतिविधियों को संचालित किया जाए। क्विज कांटेस्ट में निपुण, जी20 और करंट अफेयर्स से संबंधित सवाल-जवाब हों।

गृह भ्रमण से सुनिश्चित की जाएगी जन जागरूकता

निपुण भारत मिशन, निपुण लक्ष्य, कक्षा-कक्ष रूपांतरण, डीबीटी आदि के संबंध में अभिभावकों को जागरूक किए जाने के लिए जनपद के समस्त विभागीय अधिकारियों एवं जिला समन्वयकों द्वारा 15 जून तक अभिभावकों से व्यक्तिगत संपर्क किया जाए। इस कार्यक्रम में स्व प्रेरित एवं स्वैच्छिक रूप से सहयोग करने वाले शिक्षकों, एआरपी, एसआरजी एवं वालंटियर्स के माध्यम से जन जागरूकता सुनिश्चित की जाए। जनजागरूकता के उद्देश्य से शिक्षा चौपाल का आयोजन भी किया जा सकता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति, डिजिटल लर्निंग के संबंध में समस्त शिक्षकों, अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों को जागरूक करने के लिए डायट प्राचार्य और बीएसए जनपद स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करें। इसमें समस्त विभागीय अधिकारी, जिला समन्व्यकों, बेहतर प्रयास करने वाले शिक्षकों एवं डीएलएड प्रशिक्षुओं की प्रतिभागिता सुनिश्चित कराई जाए। इसी तरह मंडल और राज्य स्तर पर भी आयोजन होने चाहिए। इन सभी कार्यक्रमों का अभिलेखीकरण करके राज्य परियोजना विभाग को सूचित किया जाए।

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