गोरखपुर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की ब्रांडिंग से वैश्विक मंच पर इतरा रहे गोरखपुर के टेराकोटा माटी शिल्प के मुरीद हो गए। शनिवार शाम टेराकोटा गांव औरंगाबाद और लंगड़ी गुलरिहा में टेराकोटा उत्पाद और इसके बनने की प्रक्रिया से रूबरू हुए श्री रावत ने कहा, अद्भुत है गोरखपुर का टेराकोटा शिल्प।
मोदी सरकार के 9 वर्ष का सफल कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भाजपा द्वारा चलाए जा रहेजनसंपर्क महाभियान के सिलसिले में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को बांसगांव समेत पांच लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई। इस निमित्त गोरखपुर आए श्री रावत शनिवार शाम गोरखपुर की ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) योजना में शामिल टेराकोटा की खूबियां जानने शिल्पकारों के गांव पहुंचे। वह सबसे पहले लंगड़ी गुलरिहा गांव में टेराकोटा शिल्पकार राजन प्रजापति के वर्कशेड पर पहुंचे। उन्होंने वर्कशेड में रखे टेराकोटा के तैयार व बन रहे उत्पादों को देखा और शिल्पकार से कई जानकारियां लीं। श्री रावत ने पूछा कि ओडीओपी में शामिल होने से टेराकोटा के क्षेत्र में क्या अंतर आया है? राजन प्रजापति ने उन्हें बताया कि सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल आदि मिलने से काम काफी आसान हो गया हैम उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। रही बात बाजार की तो जब हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कई मंचों से टेराकोटा की खुद ब्रांडिंग करते रहते हैं तो बाजार बढ़ना ही है। टेराकोटा शिल्पकारों के पास इतना काम है कि वे कोरोना काल में भी खाली हाथ नहीं बैठे थे। यह सीएम योगी की ही पहल है कि जो बैंक लोन देने में कतराते थे, आज वह घर आकर वित्तपोषण करते हैं।
लंगड़ी गुलरिहा के बाद श्री रावत औरंगाबाद गांव में पन्नेलाल प्रजापति व अखिलेश प्रजापति के घर पहुंचे। टेराकोटा उत्पाद देखने के बाद शिल्पकारों को मिल रही सुविधाओं के बारे में पूछा। इस दौरान उन्होंने शिल्पकारों से कहा कि आपका टेराकोटा नायाब है। आपके मुख्यमंत्री जी ने तो गांव की इस माटी कला को देश-दुनिया तक पहुंचा दिया है।