गुरुग्राम। एक जून से लागू 2023-24 की नई आबकारी नीति के तहत गुरुग्राम में शराब की दुकानों की नीलामी ने राजस्व के मामले में रिकॉर्ड बनाया है। अधिकारियों के अनुसार, शहर में शराब की दुकानों से लाइसेंस शुल्क के कलेक्शन में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है, जो हाल के वर्षों में सबसे ज्यादा है।
सबसे ज्यादा बोली दिल्ली सीमा के पास एमजी रोड पर शराब की दुकान के लिए लगाई गई थी। नीलामी 22 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस के मुकाबले 43 करोड़ रुपये की बोली लगी। यह ठेका पूरे गुरुग्राम जिले में सबसे अधिक कीमत पर बिका।
इसी तरह, ब्रिस्टल चौक के पास एक शराब की दुकान 18 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस के मुकाबले 36 करोड़ रुपये में नीलामी हुई।
नीलामी में गुरुग्राम के व्यापारियों, दिल्ली, नोएडा और देश के अन्य हिस्सों के लोगों ने भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि दिल्ली की सीमा के करीब के ठेकों के लिए भारी मांग थी।
अधिकारियों ने कहा, पूरे गुरुग्राम जिले को 2023-24 में 162 आबकारी क्षेत्रों में बांटा गया है। 2022-23 में आबकारी क्षेत्रों की संख्या 82 थी। नई आबकारी नीति के तहत एक जोन में शराब की दुकानों की संख्या चार से घटाकर दो कर दी गई।
162 जोन में से अब तक 148 जोन में नीलामी पूरी हो चुकी है जिससे कुल 1,564.30 करोड़ रुपये का लाइसेंस शुल्क प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा क्योंकि 14 जोन की नीलामी होनी बाकी है। पिछले साल शराब की दुकानों की लाइसेंस फीस से कुल 1,079.10 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था।
डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (पूर्व) रविंदर सिंह के अधिकार क्षेत्र में 79 जोन थे, जिनमें से 75 की नीलामी 929.66 करोड़ रुपये में की गई है।
रविंदर सिंह ने कहा कि पूर्व क्षेत्र में शराब की दुकानों से लाइसेंस शुल्क से राजस्व 646.70 करोड़ रुपये से बढ़कर 929.66 करोड़ रुपये हो गया है। हमने 43.75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (पश्चिम) अमित भाटिया ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में 83 जोन हैं, जिनमें से 73 जोन की नीलामी 634.64 करोड़ रुपये में की गई है।
भाटिया ने कहा, पश्चिम में लाइसेंस शुल्क से राजस्व पिछले साल के 509 करोड़ रुपये से बढ़कर 634.64 करोड़ रुपये हो गया है। हमने 24.21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।
हयात होटल के पास शराब की दुकानों की नीलामी 12.50 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस के मुकाबले 26.43 करोड़ रुपये में की गई। इसी तरह, उद्योग विहार में शराब की दुकान की नीलामी 17.80 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइस के मुकाबले 25.80 करोड़ रुपये में की गई।
शराब की दुकानों के लाइसेंस शुल्क से 2020-21 में 795.77 करोड़, 2021-22 में 789.23 करोड़, 2022-23 में 1,079.10 करोड़ और 2023-24 में (अब तक) 1564.30 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ।