- मुख्यमंत्री ने की मानव संपदा पोर्टल की कार्यप्रणाली की समीक्षा, उपयोगिता बढ़ाने को दिए दिशा-निर्देश
- मुख्यमंत्री का निर्देश, पोर्टल से ही होगी 2022-23 की एपीएआर प्रक्रिया, टाइमलाइन तय
- मानव संपदा पोर्टल के सुगम क्रियान्वयन के लिए कार्मिक विभाग में गठित होगा नया अनुभाग
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में मानव संपदा पोर्टल के क्रियान्वयन की समीक्षा की और इसे प्रभावी ढंग से लागू किये जाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए..
● मानव संपदा पोर्टल के उपयोग से कर्मचारी एनरोलमेंट, स्थानांतरण, नियुक्ति और कार्यमुक्ति, प्रशिक्षण, पेरोल सिस्टम, परफॉर्मेंस मूल्यांकन, सर्विस बुक के प्रबंधन, अवकाश प्रबंधन, एसीआर प्रबंधन का कार्य सहज हुआ है। इससे न केवल शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ी है बल्कि कर्मचारियों को आसानी भी हुई है। बढती आवश्यकताओं के दृष्टिगत इसे और प्रभावी बनाये जाने की आवश्यकता है।
● वर्तमान में 83 विभाग और 14 लाख से अधिक कर्मचारी इस पोर्टल पर ऑनबोर्ड हैं। सभी कार्मिकों की ई-सर्विस बुक भी यथाशीघ्र तैयार कर ली जाए।
● नियुक्ति पत्र वितरण के तत्काल बाद मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से ज्वाइनिंग एवं रिलीविंग माड्यूल का प्रयोग कर कार्यभार प्रमाण पत्र निर्गत किया जाना चाहिए। पोर्टल को वित्त विभाग के डीडीओ पोर्टल से इस प्रकार लिंक किया जाए कि डीडीओ पोर्टल पर वेतन केवल उन्हीं कर्मचारियों का बने जिनका डाटा मानव सम्पदा में सम्बंधित डीडीओ की पोस्टिंग लिस्ट में हो।
● ससमय, सुरक्षित और पारदर्शी एपीएआर के लिए इस पोर्टल का उपयोग किया जाना चाहिए। वर्ष 2022-23 के लिए एपीएआर प्रक्रिया इसी पोर्टल के माध्यम से पूरी की जाए। वर्ष 2022-23 हेतु विभागों द्वारा प्रतिवेदक/समीक्षक/स्वीकर्ता 30 जून तक नियत कर दिए जाएं। 31 अगस्त 2023 तक कर्मचारी सेल्फ असेसमेंट करे और प्रतिवेदन 30 अक्टूबर तक पूरा हो जाये। 30 नवम्बर तक समीक्षा की प्रक्रिया पूरी करा लें और 31 दिसंबर तक स्वीकृति हो जाये और 15 फरवरी 2024 तक प्रत्यावेदन प्राप्त कर इसका निस्तारण 31 मार्च 2024 तक कर दिया जाए।
● मेरिट आधारित स्थानांतरण व्यवस्था के लिए पोर्टल का उपयोग किया जाना उचित होगा। पोर्टल के माध्यम से ही स्थानान्तरण हेतु एलिजबिल्टी सूची तैयार की जाए। स्थानान्तरण हेतु रिक्तिया चिन्हित की जाएं। एलिजबिल कर्मचारियों से स्थानान्तरण हेतु विकल्प लिए जाएं और भारांकानुसार मेरिट आधारित स्थानान्तरण प्रक्रिया एक्जिक्यूट की जाएं। स्थानांतरण में आकांक्षी जनपदों को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए।
● कार्मिक विभाग के अंतर्गत पूर्व से स्थापित प्रशिक्षण समन्वय प्रकोष्ठ के कार्यों के साथ डिजिटल प्रशिक्षण का समन्वय करने तथा मानव सम्पदा पोर्टल एवं ई-अधियाचन सम्बन्धी परियोजनाओं को संचालित करने हेतु कार्मिक विभाग के अंतर्गत एक नए अनुभाग “कार्मिक अनुभाग-5” का सृजन किया जाना चाहिए।