लखनऊ। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश, लखनऊ के अंतर्गत राज्य साक्षरता केन्द्र द्वारा “नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के क्रियान्वयन हेतु संदर्भदाताओं का पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम ” का शुभारम्भ दिनांक 30.05.2023 को उद्यमिता विकास संस्थान, सरोजिनी नगर, लखनऊ में डॉ. अंजना गोयल, निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश ,लखनऊ के कर कमलों द्वारा हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत निदेशक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तर प्रदेश, डॉ.अंजना गोयल, उप निदेशक,साक्षरता एवं वैकल्पिक शिक्षा निदेशालय, श्री शम्भु भान सिंह, राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली की सीनियर कंसल्टेंट डॉ.बानी बोरा एवं सुश्री याचना गुप्ता, उद्यमिता विकास संस्थान, लखनऊ के प्रोजेक्ट हेड श्री अखिलेश कुमार सिंह, एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. प्रसून कुमार सिंह (प्रवक्ता -शोध )/ सचिव, राज्य साक्षरता केन्द्र, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ की गई। इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के 35 जनपदों के जिला शिक्षा एवम् प्रशिक्षण सस्थानों में कार्यरत दो दो प्रवक्ताओ को प्रशिक्षित कर जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा। 1 जून 2023 से प्रारंभ होने वाले द्वितीय बैच में अवशेष 35 जनपदों के 2-2 प्रवक्ताओं को प्रशिक्षित कर जनपद स्तरीय मास्टर ट्रेनर बनाया जाएगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र प्रकोष्ठ,एनसीईआरटी दिल्ली से प्रशिक्षत राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स श्री देवेन्द्र सिंह व श्री रामचंद्र यादव प्रवक्ता डायट अयोध्या, डॉ ज्ञानवेंद्र सिंह प्रवक्ता डायट लखनऊ, श्री रितेश अग्रवाल, प्रवक्ता राज्य शिक्षा संस्थान, प्रयागराज, आदित्य पांडेय प्रवक्ता डायट गोरखपुर, मास्टर ट्रेनर की भूमिका का निर्वहन कर रहे है।
अपने स्वागत उद्बोधन में निदेशक डॉ.अंजना गोयल ने कहा कि – यह कार्यक्रम एक प्रकार की समाज सेवा है क्योंकि इसके तहत समाज के शिक्षित व्यक्ति बिना किसी पारिश्रमिक के निःस्वार्थ भाव से साक्षरता का प्रकाश फैलाने के लिए स्वयं सेवक शिक्षक के रूप में आगे आ रहे हैं। सर्वे ऐप के माध्यम से 15+ आयु वर्ग के असाक्षरों को जिला स्तर पर चिन्हित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022 से 2027 तक प्रतिवर्ष 1 करोड़ की दर से पांच वर्षो में 5 (पांच) करोड़ असाक्षरो को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। चूँकि उत्तर प्रदेश भारत की सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है और जनगणना -2011 के अनुसार साक्षरता दर में भी उत्तर प्रदेश की रैंकिंग 67.68% के साथ काफी नीचे है अतः उत्तर प्रदेश के लगभग 32% असाक्षरों को अगले 4 वर्षों में साक्षर करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उत्तर प्रदेश की टीम , राज्य साक्षरता केंद्र और राष्ट्रीय साक्षरता केंद्र प्रकोष्ठ के मार्गदर्शन में अपने कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय के साथ इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को अवश्य प्राप्त करेगी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. ज्ञानवेंद्र सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रसून कुमार सिंह के द्वारा किया गया