लखनऊ। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के पास केंद्र में नौ साल पूरे कर रही मोदी सरकार की तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। समाजवादी पार्टी जहां केंद्र सरकार के प्रदर्शन की जमकर आलोचना कर रही है, वहीं बसपा अपने विचार व्यक्त करने में ‘नरम’ नजर आ रही है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज गांधी कहते हैं, नौ साल सिर्फ इवेंट मैनेजमेंट में गुजरे हैं। ये कई मोर्चो पर नाकामी के साल हैं। मोदी सरकार ने 2014 में जो वादा किया था, उसमें से कोई भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ। सौ स्मार्ट सिटी अभी भी सपना हैं। जबकि ‘मेक इन इंडिया’ एक नॉन-स्टार्टर बना हुआ है।
उन्होंने कहा, अब सरकार में कोई भी किसान की आय दोगुनी करने की बात नहीं करता है। केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। नफरत की राजनीति पर भी कोई रोक नहीं है। नौकरियां पैदा करने में सरकार बुरी तरह विफल रही है। चुनाव जीतना मोदी सरकार की एकमात्र प्राथमिकता है। मैं कहूंगा कि यह अधिकतम हेडलाइन प्रबंधन और न्यूनतम शासन की सरकार रही है।
दूसरी ओर, बहुजन समाज पार्टी मोदी सरकार पर दलितों और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए पर्याप्त काम नहीं करने और वोट पाने के लिए केवल झूठे वादे करने का आरोप लगाती है।
पूछे जाने पर बसपा के एक पदाधिकारी ने कहा, केंद्र ने दलितों के लिए कुछ नहीं किया है और वोट पाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण का उपयोग किया है। हालांकि, समाजवादी पार्टी को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए क्योंकि उसने कभी भी दलितों के लिए वास्तविक चिंता नहीं दिखाई है।
यहां तक कि कांग्रेस ने भी दशकों तक हमें बेवकूफ बनाया है। एकमात्र पार्टी जो वास्तव में दलितों की परवाह करती है और काम करती है वह बसपा है, और हमने इसे बार-बार साबित किया है।’