(शाश्वत तिवारी) : भारत और जाम्बिया ने गुरुवार को अपने तीसरे विदेश कार्यालय परामर्श (एफओसी) का समापन किया। भारतीय पक्ष का नेतृत्व (पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका) के संयुक्त सचिव पुनीत आर. कुंडल ने किया जबकि जाम्बिया पक्ष का नेतृत्व जाम्बिया के विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में स्थायी सचिव (आईआरसी) राजदूत इसाबेल एम.एम. लेम्बा ने किया।
परामर्श के बाद विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और ऊर्जा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, कृषि, एसएमई सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग के तरीकों पर चर्चा की, साथ ही सहयोग को लेकर व्यापक रूप से चर्चा की गई। विदेश कार्यालय परामर्श के दौरान दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की, जिसमें राजनीतिक आदान-प्रदान, विकास साझेदारी परियोजनाएं, रक्षा सहयोग, व्यापार और आर्थिक मामले, कांसुलर मुद्दे और कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, खान और खनिज, एसएमई जैसे क्षेत्रों में सहयोग आदि शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा उच्च-स्तरीय यात्राओं के महत्व, विशेष रूप से संयुक्त स्थायी आयोग (जेपीसी) के शीघ्र आयोजन पर जोर दिया गया।
विदेश कार्यालय परामर्श में दोनों पक्षों ने पारस्परिक हित के मुद्दों पर भी चर्चा की, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार, पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका के लिए साझा बाजार (COMESA), दक्षिण अफ्रीकी विकास सहयोग (SADC), और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र (AfCFTA) शामिल हैं।
इसके अलावा द्विपक्षीय मोर्चे पर भारतीय और जाम्बिया पक्ष उच्च-स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान और संयुक्त संस्थागत तंत्र की नियमित बैठकों को बनाए रखने पर भी सहमत हुए, जो साझेदारी को जीवंत और पारस्परिक रूप से लाभकारी बनाए रखते हुए द्विपक्षीय एजेंडे को व्यापक करेगा, दोनों पक्ष 2024 में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर लुसाका में विदेश कार्यालय परामर्श के अगले दौर का आयोजन करने के लिए तत्पर हैं।