व्यूरो : पर्यटन कार्य समूह की तीसरी बैठक के मौके पर “फिल्म पर्यटन के माध्यम से अतुल्य भारत को बढ़ावा देना’ विषय पर साइड इवेंट को भारत के केंद्रीय और राज्य मंत्रियों ने हाल ही में संबोधित किया। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उतर पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री, जी. किशन रेड्डी ने इसे संबोधित किया।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव, भारत सरकार श्री अपूर्वा चन्द्रा ने ‘फिल्म फैसिलिटेशन के माध्यम से भारत में फिल्म पर्यटन को सुगम बनाना’ विषय पर अपने विस्तृत सत्र में कहा कि भारत के फिल्म क्षेत्र की दृश्य और ध्वनि प्रभाव वाली कुशल जनशक्ति के पास दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और विरासत दुनिया को यहां सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की शूटिंग के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करती है।
फिल्म उद्योग को एक सक्षम वातावरण प्रदान करने के लिए, सक्रिय नोडल अधिकारियों के साथ एनएफडीसी में फिल्म सुविधा कार्यालय को अंतरराष्ट्रीय कलाकारों और सहयोगी दल को फिल्म वीजा जारी करने में सक्षम और तेज करने के लिए एकल खिड़की तंत्र के रूप में स्थापित किया गया है।
श्री चन्द्रा ने भारत को एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स और गेमिंग के हब के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत में कम उत्पादन लागत के साथ कई प्रसिद्ध मास्टर पीस, बड़े बजट की फिल्मों का निर्माण किया गया है, जो फिल्म निर्माताओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। यहां गुरुदत्त और सत्यजीत रे जैसे प्रमुख नामों के साथ सदियों पुरानी फिल्म विरासत है, इन नामचीन हस्तियों कोई खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के बावजूद उनकी नायाब कला और काम स्वीकार किया गया।