योगी ने की नौ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा, और समृद्ध हुआ गोरक्षपीठ का देवलोक

  • गोरखनाथ मंदिर में श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथाज्ञानयज्ञ की पूर्णाहुति

गोरखपुर, 21 मई। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के कर कमलों से विधि विधान पूर्वक नौ नवीन मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के साथ गोरक्षपीठ का देवलोक और समृद्ध हो गया। प्राण प्रतिष्ठा का यह अनुष्ठान श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथाज्ञानयज्ञ की पूर्णाहुति के संगम पर पूर्ण हुआ।

गोरखनाथ मंदिर में बने नौ नए मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक अनुष्ठान दो चरणों में 8 मई को ही प्रारंभ हो गए थे। प्रथम चरण में श्रीशिव महापुराण की कथा हुई तो दूसरे चरण में 15 मई से श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथाज्ञानयज्ञ का आयोजन हुआ। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को ही गोरखनाथ मंदिर आ गए थे। तब से वह लगातार सभी अनुष्ठानिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए। रविवार को उन्होंने श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देव विग्रहों का पूजन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा की। विविध वाद्य यंत्रों और बैंड बाजे पर भक्तिमय धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा देवी देवताओं की प्रतिमाओं का पट अनावरण होने के साथ ही समूचा मंदिर परिसर भक्तिमय जयकारों से गूंज उठा।

प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के साथ ही गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथाज्ञानयज्ञ का भी विश्राम हुआ। विश्राम दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यासपीठ का पूजन किया और आरती उतारी। इस अवसर पर उन्होनें कथा व्यास श्रीधाम वृंदावन से पधारे डॉ श्याम सुंदर पाराशर का अभिनंदन कर आभार व्यक्त किया। कहा कि कथा व्यास ने श्रीमद्भागवत को सम सामायिकता से जोड़कर कथा का मर्म समझाया। उन्होंने मंदिर निर्माण, देव विग्रहों के निर्माण में योगदान देने वाले आर्किटेक्ट, शिल्पकार, राजगीर, मजदूर सभी के प्रति भी आभार व्यक्त करते हुए सबके योगदान की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने गुरु गोरखनाथ व सभी देवी-देवताओं से सभी नागरिकों के मंगलमय जीवन की प्रार्थना की।

स्वच्छता के प्रति आग्रही बनने का किया अनुरोध

मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से अनुरोध किया कि वे मंदिरों में भी स्वच्छता के प्रति आग्रही बनें। विग्रहों में देवत्व के भाव को अंतःकरण में धारण करने का प्रयास करें।

शिल्पकारों व आर्किटेक्ट को सीएम ने किया सम्मानित

सीएम योगी ने इस अवसर पर नवीन मंदिरों के निर्माण में योगदान देने वाले आर्किटेक्ट अनुपम अग्रवाल व संगमरमर से बने देव विग्रहों का मूर्त रूप देने वाले शिल्पकार पिता-पुत्र, जयपुर के मुकेश कुमार जैमिनी व शिवम कुमार जैमिनी को कथा मंच पर सम्मानित किया।

इस अवसर पर बाबा मस्तनाथ पीठ अस्थल बोहर रोहतक के महंत एवं अलवर के सांसद योगी बालकनाथ, अयोध्या से आए जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, सुग्रीव किलाधीश अयोध्या के स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य, अशर्फी भवन अयोध्या के जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य, अमृतनाथ मठ फतेहपुर शेखावटी के महंत नरहरिनाथ, नैमिषारण्य से आए स्वामी विद्या चैतन्य, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास समेत बड़ी संख्या में साधु संत, यजमानगण व श्रद्धालु उपस्थित रहे।

इन नव निर्मित मंदिरों में सीएम योगी ने की प्राण प्रतिष्ठा

श्री हनुमान जी, श्री राम दरबार, श्री राधाकृष्ण, श्री दशावतार विष्णु जी, श्री नवग्रह मंदिर, श्री संतोषी माता जी, श्री छट्ठी माता जी, श्री हट्ठी माता जी एवं श्री बाल देवी जी।

मंदिर के भंडारा में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद

प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में गोरखनाथ मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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