नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और वरिष्ठ अधिवक्ता के.वी. विश्वनाथन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली। पद की शपथ भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने दिलाई।
दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति के साथ, शीर्ष अदालत में अब 34 जज हो गए हैं जो इसकी अधिकतम संख्या हो सकती है।
नियुक्तियों की घोषणा नए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को ट्विटर पर की।
हालांकि, शीर्ष अदालत की पूरी क्षमता केवल कुछ समय के लिए ही रहेगी। जस्टिस के.एम. जोसेफ, अजय रस्तोगी और वी. रामासुब्रमण्यन जून में रिटायर हो जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कहा कि वर्तमान में बार से केवल एक सदस्य को सीधे सुप्रीम कोर्ट की बेंच में नियुक्त किया गया है, और उनकी राय में, विश्वनाथन सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त होने के लिए उपयुक्त हैं।
विश्वनाथन का जन्म 26 मई, 1966 को हुआ था, वह 25 मई, 2031 तक न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे।
11 अगस्त, 2030 को न्यायमूर्ति जमशेद बुजरेर परदीवाला की सेवानिवृत्ति पर, विश्वनाथन भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पद संभालने के लिए कतार में होंगे।