- नगर निगम महापौर चुनाव
- 2023 में भाजपा की ही आंधी, शहरी क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों की प्राथमिकता से मिली जीत
- तीन निवर्तमान महापौर को पार्टी ने उतारा, तीनों सीटों पर वोट-प्रतिशत भी बढ़े
लखनऊ, 16 मई। योगी आदित्यनाथ के नाम और उनके नेतृत्व वाली सरकार के काम से महापौर की हर सीट पर भाजपा के वोट बढ़ गए। 2017 से 2023 की हर सीट की विश्लेषण करें तो न सिर्फ भाजपा के वोट बढ़े, बल्कि हर सीट पर पार्टी का वोट प्रतिशत भी बढ़ा है। शहरों के विकास पर योगी आदित्यनाथ की पैनी नजर की बदौलत पूरा यूपी भगवामय हो गया है। पहली बार बनी शाहजहांपुर सीट जहां भाजपा के खाते में आई, वहीं पिछली बार जिस मेरठ-अलीगढ़ में हार का सामना करना पड़ा था वहां भी इस बार पार्टी विजयी हुई। यही नहीं यहां बीजेपी को काफी संख्या में वोट भी प्राप्त हुए हैं। मतदाताओं ने सिर्फ और सिर्फ योगी आदित्यनाथ के विकास और कानून व्यवस्था के बलबूते वोट देकर भाजपा का कमल खिलाया।
2017 की बजाय 2023 में हर सीट पर बढ़े वोट
2017 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने कामकाज संभाला तो 16 सीटों पर हुए चुनाव में 14 पर कमल खिला। मेरठ व अलीगढ़ की सीट बसपा के खाते में गई। 2023 में यह आंकड़ा सभी सीटों की जीत पर पहुंच गया। 2017 में अयोध्या में भाजपा को 44,642 वोट मिले तो 2023 में यह आंकड़ा 77494 हो गया। आगरा में 2017 में भाजपा को 2,17,881 वोट मिले और 2023 में 2,67,925 वोट। कानपुर में 3,96,725 वोट की अपेक्षा 2023 में यहां भाजपा ने 4,40,352 वोट हासिल कए। गाजियाबाद में 2017 में 2,82,793 वोट मिले थे और 2023 में 3,50,905 वोट मिले।
निवर्तमान महापौर का वोट और प्रतिशत भी बढ़ा
भाजपा ने 2023 में तीन सीटों पर निवर्तमान महापौर को टिकट थमाया। कानपुर से प्रमिला पांडेय, बरेली से उमेश गौतम व मुरादाबाद से विनोद अग्रवाल को टिकट दिया गया। इन तीनों सीटों पर तुलनात्मक विश्लेषण में भाजपा को इस बार पिछली बार से अधिक वोट मिले। यहां कुल मिले वोटों का प्रतिशत भी बढ़ा। प्रमिला पांडेय को कानपुर में 2017 में 3,96,725 वोट (42.1 फीसदी) मिले थे। 2023 में इन्हें 4,40,353 वोट मिले। बरेली में उमेश गौतम को 2017 में 1,39,127 वोट (40.73) और 2023 में 1,67,385 वोट (47.54) वोट मिले। मुरादाबाद में 2017 में विनोद अग्रवाल को 94677 वोट मिले थे। इस बार यह आंकड़ा 1.21 लाख वोटों से अधिक का है।
सीट 2017 2023
- — अयोध्या 44 हजार से अधिक वोट (44.89) 77 हजार से अधिक (48.67 फीसदी)
- — आगरा 2.17 लाख से अधिक वोट (42.77) 2.67 लाख से अधिक वोट (50.87)
- –कानपुर 3.96 लाख से अधिक वोट (42.1) 4.40 लाख से अधिक (48.03 फीसदी)
- –गाजियाबाद 2.82 लाख से अधिक वोट (49.86) 3.50 लाख से अधिक (58.12 फीसदी)
- — गोरखपुर 1.46 लाख से अधिक वोट (47.72) 1.80 लाख से अधिक ( 49.79 फीसदी)
- — झांसी 77 हजार से अधिक वोट (35.29) 1.23 लाख से अधिक वोट (57.15 फीसदी)
- — प्रयागराज 1.31 लाख से अधिक वोट (40.3) 2.35 लाख से अधिक (47.66 फीसदी)
- — फिरोजाबाद 98 हजार से अधिक वोट (34.99) 101476 वोट (36.03 फीसदी)
- –बरेली 1.39 लाख से अधिक वोट (40.73) 1.67 लाख से अधिक वोट (47.54 फीसदी)
- – वृंदावन-मथुरा 1 लाख से अधिक वोट (41.34) 1.45 लाख से अधिक (52.6 फीसदी)
- — मुरादाबाद 94 हजार से अधिक वोट (35.65) 1.21 लाख से अधिक (41.71 फीसदी)
- — लखनऊ 3.77 लाख से अधिक वोट (41.94) 5 लाख से अधिक वोट (48.52 फीसदी)
- — वाराणसी 1.92 लाख से अधिक वोट (42.53) 2.91 लाख से अधिक वोट (46.56 फीसदी)
- — सहारनपुर 1.21 लाख से अधिक वोट (36.55) 1.54 लाख से अधिक वोट (45.68 फीसदी)
नोट- 2017 व 2023 में भाजपा की सीटों का अंतर (भाजपा को मिले वोट प्रतिशत)