लखनऊ। 2019 में हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक, पुलवामा अटैक और 2016 में हुए सर्जिकल स्ट्राइक को अब लखनऊ विश्वविद्यालय के रक्षा शास्त्र अध्ययन के पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी है। आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से इन विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा। विश्वविद्यालय में कक्षा बीए के रक्षा शास्त्र विषय में इसे शामिल करने की तैयारी है। छठी सेमेस्टर के विद्यार्थी इसे पढ़ पाएंगे। ये फैसला विश्वविद्यालय में बोर्ड की मीटिंग में लिया गया।
रक्षा शास्त्र विभाग के चीफ ओपी सिंह ने बताया कि ”2016 में हुए सíजकल स्ट्राइक , 2019 में हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक और पुलवामा अटैक को रक्षा शास्त्र में शामिल किया जाएगा। नई शिक्षा पॉलिसी के तहत जारी थीम के अंतर्गत ‘राष्ट्र पहले देश की सुरक्षा के साथ कोई दूसरा विचार नहीं’ के तहत छात्रों को इन घटनाक्रमों के बारे में सही जानकारी देने की तैयारी है।”
उन्होंने बताया, ”बालाकोट एयरस्ट्राइक शीर्षक के तहत हम बच्चों को बताएंगे कि कैसे भारतीय वायु सेना ने पुलवामा में मारे गए सैनिकों का बदला 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक के साथ लिया था। उस ऑपरेशन के लिए एक कोड नाम भी जारी किया गया था जिसे ‘ऑपरेशन बंदर’ कहा गया था। साथ ही 2016 में हुए सíजकल एयरस्ट्राइक के बारे में भी छात्रों को पढ़ाया जाएगा। वहीं सलेबस में भोपाल गैस त्रासदी को भी जोड़ा गया है।”