गिरते रुपये की मजबूती देने का काम भारत की केंद्रीय बैंक (आरबीआई) करता है।

पिछले कुछ दिन से डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार गिर रही है। रुपया इतिहास में अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। रुपये की कीमत की तुलना अमेरिका डॉलर के साथ की जाती है। दरअसल, अमेरिका दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था समझी जाती है। इसलिए दुनियाभर में डॉलर की स्वीकार्यता है। डॉलर की मजबूती के साथ दूसरी करेंसी कमजोर होती जाती है। डॉलर के मजबूत होने का नुकसान रुपये का उठाना पड़ रहा है।गिरते रुपये की मजबूती देने का काम भारत की केंद्रीय बैंक (आरबीआई) करता है।रुपये की कीमत गिरने के कारण भारत को आयात के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ती है। इसके अलावा महंगाई, ब्याज दर, व्यापार घाटा, आर्थिक नीतियां और शेयर बाजार की हलचल का असर भी रुपये की सेहत पर पड़ता है।

रिजर्व बैंक की क्या है भूमिका?

गिरते रुपये की मजबूती देने काकाम भारत की केंद्रीय बैंक (आरबीआई) करता है। इसके लिए आरबीआई के पास कई तरीके होते हैं। पहला तरीका प्रत्यक्ष रूप से डॉलर की खरीदारी या बिक्री है। यदि आरबीआई रुपये की कीमत बढ़ाना चाहता है तो वह डॉलर की बिक्री कर सकता है और कीमत घटाने के लिए खरीदारी कर सकता है।

काम भारत की केंद्रीय बैंक (आरबीआई) करता है। इसके लिए आरबीआई के पास कई तरीके होते हैं। पहला तरीका प्रत्यक्ष रूप से डॉलर की खरीदारी या बिक्री है। यदि आरबीआई रुपये की कीमत बढ़ाना चाहता है तो वह डॉलर की बिक्री कर सकता है और कीमत घटाने के लिए खरीदारी कर सकता है।

आरबीआई महंगाई को काबू में रखने के लिए रेपो रेट का सहारा लेता है। रेपो रेट वह रेट है जिस पर आरबीआई दूसरे कमर्शियल बैंको को कर्ज देता है। वहीं रिवर्स रेपो रेट वह रेट है जिस पर आरबीआई दूसरे बैकों का पैसा अपने पास रखता है।

अधिक रेपो रेट से विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने, घरेलू करेंसी की कीमत और मांग में इजाफा होता है। रेपो रेट में बढ़ोतरी से ब्याज दरें, बॉन्ड यील्ड और डेट पेपर्स का रिटर्न बढ़ता है। इससे ज्यादा निवेशक आकर्षित होते हैं। इसके अलावा अधिक ब्याज रेट से आरबीआई के पास ज्यादा पैसा आएगा, जिसका इस्तेमाल करेंसी की डिमांड और सप्लाई के लिए किया जा सकता है।

अगर रुपये की कीमत घटती है तो इससे महंगाई बढ़ेगी क्योंकि आयातित वस्तुओं के लिए ज्यादा कीमत देनी पड़ती है। आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाकर चीजों की मांग और कीमतों को कम करने की कोशिश करता है।  

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