हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह हर महीने दो बार आती है। लेकिन, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का खास महत्व है। एकादशी और सोमवार को योग में विष्णु जी, शिव जी के साथ ही चंद्र ग्रह की पूजा भी की जाए तो कुंडली के कई ग्रह दोष शांत हो सकते हैं। पूजा में चंद्र ग्रह के मंत्र ऊँ सों सोमाय नम: का जप करना चाहिए। मंत्र जप कम से कम 108 बार करें। वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी का महत्व काफी अधिक है। इस दिन की गई विष्णु पूजा और व्रत-उपवास से अक्षय पुण्य मिलता है और भगवान की कृपा से सभी दिक्कतें दूर होती हैं।
कहते हैं सृष्टि को असुरों से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने इसी दिन मोहिनी का अवतार लिया था। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की आराधना का विधान है। कहते हैं इस दिन मोहिनी एकादशी व्रत रखने से समस्त पाप और दुखों का नाश होता है और धन-सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। इतना ही नहीं, इस व्रत को रखने से हजार गौ दान का पुण्य भी मिलता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह व्रत 1 मई 2023, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को हजार गौदान का फल मिलता है।
मोहिनी एकादशी 2023 मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ—30 अप्रैल, रात 08.28 बजे
एकादशी तिथि समापन—01 मई, रात 10.09 बजे तक।
पूजन के लिए शुभ मुहूर्त—सुबह 09.00 बजे से 10.39 तक (1 मई 2023)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब समुद्र मंथन के दौरान अमृत निकला था तब दैत्यों से इसकी रक्षा करने के लिए श्री हरी भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया था और असुरों को अपने मायाजाल में फंसा कर देवताओं को अमृतपान करवाया था। यह वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का दिन था, इसलिए इसे मोहिनी एकादशी कहा गया। हिंदू धर्म में इस व्रत को बहुत शुभ माना गया है। कहते हैं इस दिन भगवान की पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि के साथ सौभाग्य की प्राप्ति होती है।