लखनऊ। माफिया डॉन से नेता बने मुख्तार अंसारी को आयकर (आई-टी) विभाग ने बांदा जेल में नोटिस भेजा है, जहां वह वर्तमान में बंद है। नोटिस विभाग की हालिया कार्यवाही से संबंधित है, जिसमें अंसारी की 12 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कुर्क की गई थी। पता चला कि संपत्ति गणेश दत्त मिश्रा के नाम पर पंजीकृत है।
नोटिस में जांच के लिए मिश्रा के साथ अंसारी के संबंध का ब्योरा मांगा गया है।
एक वरिष्ठ जेल अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
आईटी के सूत्रों ने कहा कि अंसारी की 23 और बेनामी संपत्तियों का पता लगाया गया है।
सूत्रों ने बताया कि गाजीपुर में मिश्रा के नाम दर्ज संपत्ति 0.207 हेक्टेयर है और इसकी कीमत 12 करोड़ रुपये है।
रिकॉर्ड खंगालने पर अधिकारियों ने पाया कि मौजा कुपुरपुर में जमीन की रजिस्ट्री 25 नवंबर, 2017 को हुई थी।
मिश्रा ने सुषमा और गीता राय से 3.71 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी थी।
उनकी भूमिका आगाज कंस्ट्रक्शन के वित्तीय लेन-देन की जांच के दौरान भी सामने आई। इसमें मुख्तार की पत्नी अफसान अंसारी के पास 1,500 शेयर, ससुर जमशेद रजा के पास 3,425 शेयर और बेटे अब्बास अंसारी के पास 19,170 शेयर हैं।
कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से मिश्रा के नाम पर 1.06 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था और मिश्रा की 90 लाख रुपये की संपत्ति गिरवी रख दी थी।
सूत्रों ने कहा, इन सभी बिंदुओं पर अंसारी से जवाब मांगा गया है।
आइटी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 2021 में मुख्तार, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किए जाने के बाद जांच शुरू की।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मिश्रा डॉन का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है, जिसके नाम पर उसकी कई संपत्तियां दर्ज हैं।
अभी तक मुख्तार और उसके साथियों की राज्य भर से 290 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।