- – पहले भर्ती प्रक्रिया में होता था भाई-भतीजावाद और जातिवाद, अब योग्यता पर होती है नियुक्ति: सीएम
22 अप्रैल, लखनऊ: जब हमने वर्ष 2017 में सूबे की कमान संभाली थी तो उस समय देखने को मिला था कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग से जुड़ी परीक्षाओं में शिकायतों का अंबार लगा हुआ था। कई भर्ती प्रक्रियाओं में न्यायालय से स्टे चल रहा था। कुछ मामलों में कोर्ट ने गंभीर टिप्पणियां भी कर रखी थीं। यूपी पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली पड़े थे क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे था। मैंने अधिकारियों से कहा कि भर्ती को लेकर जो भी कमियां थीं उसे दूर करिए। पहले प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। उस समय भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और जातिवाद का मुखौटा लगाकर योग्यता और प्रतिभा के साथ अन्याय होता था। ऐसे में हमने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी करने के लिए अच्छे ईमानदार लोगों की टीम तैयार की। पिछले 6 वर्षों में पुलिस विभाग में एक लाख 64 हजार से अधिक पदों को पारदर्शी तरीके से भरा गया। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सिग्नेचर बिल्डिंग में आयोजित राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के 24वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्धाटन समारोह में कहीं।
6 वर्ष में एक भी नियुक्ति पर सवाल नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस कार्यक्रम में शिरकत करना मेरे लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने विगत 6 वर्षों के अंदर जो कुछ भी किया है उसे आप सभी के माध्यम से देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श समाज में संघ लोक सेवा आयोग हो या राज्यों के लोक सेवा आयोग हो, इन सभी की बड़ी भूमिका होती है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश में अकांक्षात्मक जिलों की प्रक्रिया को नीति आयोग ने आगे बढ़ाया था, जिसमें 112 जनपद थे, इसमें 8 जनपद उत्तर प्रदेश के थे। नीति आयोग ने टॉप 10 राज्यों की सूची जारी की तो उसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल था और उसके 8 जनपद भी इसमें शामिल थे। सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में सरकार ने साढ़े पांच लाख नियुक्तियां की हैं। किसी भी नियुक्ति पर प्रश्नचिन्ह नहीं खड़ा हुआ है।
पिछले 6 वर्षों 2 लाख करोड़ पहुंचा एक्सपोर्ट
सीएम ने आगे कहा कि प्रदेश की आबादी 25 करोड़ है, ऐसे में साढ़े पांच लाख सरकारी नौकरी से काम नहीं चलेगा। प्रदेश के कई युवा ऐसे हैं जो सरकारी नौकरी में नहीं जाना चाहते हैं, वह अपने सेक्टर में कुछ नया करना चाहते हैं। इस पर सरकार काम कर रही है। इसी के तहत प्रदेश के 75 जनपदों की मैपिंग कराई गई, जिसमें से 57 जनपदों के यूनीक प्रोडक्ट्स को नई पहचान दिलाई गई। वहीं 18 जनपदों के लिए भी तय किया है कि इन जनपदों के साथ भी कोई ना कोई एक प्रोडक्ट जुड़ना चाहिए। ऐसे में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट कार्य योजना को लागू किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में जहां कुल एक्सपोर्ट 86000 करोड़ था, आज वह लगभग दो लाख करोड़ तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रोडक्ट को डिजाइन करने के साथ उसे पैकेजिंग से जोड़ा गया। उसे हर तरह से प्रोत्साहित किया गया। लोगों को ट्रेनिंग दी गई, उन्हे बैंकों से जोड़ा गया। इतना ही नहीं, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से प्रदेश के कारीगरों को टूल किट उपलब्ध कराई जा रही है।
लॉकडाउन में भी नहीं बंद हुए उद्योग धंधे
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था से काफी निवेश आया है। 10 से 12 फरवरी को प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया, जिसमें 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए। प्रदेश की कानून व्यवस्था के चलते देश और दुनिया का हर नागरिक उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही दस लाख करोड़ की ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन भी किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि काेरोना कालखंड में लॉकडाउन के समय प्रदेश में सड़कों पर कामगार और श्रमिकों का रेला सभी ने देखा होगा। उस दौरान करीब 40 लाख कामगार और श्रमिक प्रदेश के अंदर आए हुए थे। सभी को सरकार ने प्रदेश में संचालित 96 लाख एमएसएमई यूनिट में समाहित कर दिया। बहुत से ऐसे राज्य थे जिन्होंने अपने कामगारों और श्रमिकों को लेने से इनकार कर दिया था। ऐसे मेें हमने यूपी में रहने की व्यवस्था की। इतना ही नहीं नेपाल सरकार ने भी अपने लोगों को लेने से इनकार कर दिया था। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान भी उद्योग धंधे चलते रहे। उसी का परिणाम है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आशाओं की भरमार है। आज हर व्यक्ति के मन में इसको लेकर एक विश्वास पैदा हुआ है। कार्यक्रम में संघ लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ सदस्य राजीव नयन चौबे, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला, स्टैंडिंग कमेटी ऑफ नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष जॉर्ज, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा आदि शामिल हुए।