कानपुर। पूर्व विधायक श्याम मिश्रा की मौत के 16 साल बाद उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है। कोतवाली पुलिस जब सूचना देने घर पहुंची तो परिजन हतप्रभ रह गए। मामले की रिपोर्ट 29 साल पहले वर्ष 1994 में जनसमस्याओं को लेकर हुए धरना-प्रदर्शन में कोतवाली में दर्ज हुई थी। श्याम मिश्रा का निधन 11 जनवरी 2007 को हुआ था।
धनकुट्टी स्थित पूर्व विधायक के निवास पर 18 अप्रैल को कोतवाली से दो सिपाही पहुंचे। घर पर उनके भतीजे उत्कर्ष की नेम प्लेट पर लिखा मोबाइल नंबर डायल किया। पूछने पर पुलिसकर्मियों ने कोतवाली आकर संपर्क करने की बात कही। पूर्व विधायक के भाई शिक्षक नेता नरेश मिश्रा के मुताबिक बेटा उत्कर्ष कोतवाली पहुंचा। यहां दरोगा व सिपाहियों ने कहा कि श्याम मिश्रा के खिलाफ वारंट है। वह कहां मिलेंगे और उनसे आखिरी बार कब मिले। इस पर उत्कर्ष ने पुलिस को बताया कि आखिरी बार भैरोघाट में मिले थे। इसके बाद फिर पूछा, अब कहां मिलेंगे। इस पर उत्कर्ष ने कहा कि उनका 16 साल पहले निधन हो चुका है। इसके बाद पुलिस ने चुप्पी साध ली।
कोर्ट से वारंट जारी किया गया एमपीएमएल (एसीएमएम थ्री) कोर्ट से वारंट जारी किया गया है। 1994 में कोतवाली में अपराध संख्या 124 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके तहत श्याम मिश्रा पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसे आरोप थे। कोतवाली क्षेत्र में धरना-प्रदर्शन व पुलिस से टकराव के बाद रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री कपिल दीप सचान ने कहा कि एमपीएमएल कोर्ट में लंबित मामलों की सुनवाई तेज हुई है। पुराने मामले में अदालत में पूर्व विधायक की मौत की सूचना नहीं दी गई होगी। इसके चलते ही वारंट जारी हुआ है। पुलिस अब मृत्यु की रिपोर्ट लगाएगी।
संतिया कांड आंदोलन को दी थी धार
श्याम मिश्रा ने 1959 में संतिया कांड आंदोलन का नेतृत्व किया था। संतिया नाम की हरिजन महिला ने धर्मशाला में रेप के बाद कलक्टरगंज थाने में पुलिस कर्मचारियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस कांड को लेकर दो महीने तक उग्र आंदोलन चला था। पुलिस फायरिंग में कई की मौत हुई थी। 1958 में डीएवी छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे श्याम मिश्रा इस आंदोलन के बाद युवा नेता के रूप में उभरकर सामने आए थे।
निधन पर मुलायम सिंह पहुंचे थे घर
नरेश मिश्रा बताते हैं कि 1975 में कैंट से मनोहर लाल के खिलाफ श्याम मिश्रा ने विधायक का चुनाव जीता था। उनकी छवि तेजतर्रार नेताओं में थी। उनके निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह परिवार को सांत्वना देने पहुंचे थे। श्याम मिश्रा ने ही सबसे पहले घंटाघर की सभा में मुलायम को धरती पुत्र कहा था।