(शाश्वत तिवारी) : भारत, जापान और फ्रांस ने अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए लेनदारों के बीच बातचीत के लिए एक साझा मंच की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित तीन लेनदार देशों के प्रतिनिधियों ने 13 अप्रैल को वाशिंगटन में विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक वसंत बैठकों के हाशिये पर एक प्रेस वार्ता की।
वित्त मंत्री ने अपने मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने में श्रीलंका का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऋण पुनर्गठन चर्चाओं में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने के लिए लेनदारों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण था। जापानी वित्त मंत्री शुनिची सुजुकी ने साझा मंच के लॉन्च को ऐतिहासिक विकास बताया। उन्होंने कहा कि यह मंच सभी लेनदारों के लिए खुला है, चीन को भी मंच में शामिल होने का संकेत दे रहा है।
ऋण पुनर्गठन वार्ता प्रक्रिया के शुभारंभ में शामिल होते हुए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका सभी लेनदार देशों और अन्य हितधारकों के साथ तुलनीय उपचार के सिद्धांतों के आधार पर पारदर्शी तरीके से संलग्न रहने के लिए प्रतिबद्ध है। विक्रमसिंघे ने कहा कि वह आईएमएफ के साथ 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट समझौते को संसद में पेश करेंगे, मंजूरी हासिल करेंगे और इसके कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कानून लाएंगे।
विक्रमसिंघे के कार्यालय ने कहा कि भारत के वित्त मंत्री सीतारमण ने लेनदारों के बीच घनिष्ठ समन्वय का आह्वान किया था जो श्रीलंका की ऋण स्थिरता को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण था।