बठिंडा। पंजाब पुलिस ने बठिंडा मिलिट्री स्टेशन में 4 जवानों की हत्या का मामला सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने इस मामले में देसाई मोहन नामक गनर को गिरफ्तार किया है। यह पहले इस मामले का चश्मदीद गवाह था। हालांकि बाद में पुलिस का शक उसपर गहराता गया और आखिरकार उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बठिंडा के एसएसपी गुलनीत खुराना ने देसाई की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा इस घटना के चश्मदीद को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीआईए में बंद देसाई मोहन से बठिंडा पुलिस ने देर रात तक पूछताछ की है। पुलिस के मुताबिक, अपने ब्यान में देसाई मोहन ने कहा है कि उसके साथ चारों लोग यौन उत्पीड़न करते थे, जिससे तंग आकर उसने चारों को मार डाला।
चारों जवानों की गोली मारकर की थी हत्या
बता दें कि बठिंडा सैन्य स्टेशन पर बुधवार तड़के सेना के चार जवानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थे. घटना के वक्त ये सारे जवान स्टेशन में अपने बैरक में सो रहे थे। मृतकों में गनर सागर बन्ने, करनालेश आर, योगेश कुमार जे और संतोष एम नागराल शामिल हैं, सभी आर्टिलरी की 80 मीडियम रेजिमेंट के हैं। पहले तीन विशेष वाहनों के चालक थे, जो तोपखाने की बंदूकें खींचते थे। इन सभी की उम्र 24 से 25 साल के बीच थी।
पुलिस ने घटनास्थल से हथियार और इंसास राइफल के 19 खाली खोल बरामद किए गए थे। वहीं इस घटना के ‘चश्मदीद’ यानी देसाई ने बताया था कि उसने इंसास राइफल और कुल्हाड़ी के साथ हमलावरों को दिखा था। ऐसे में बठिंडा छावनी पुलिस थाने में आईपीसी-302 (हत्या) और सशस्त्र अधिनियम के तहत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी तलाश में जुट गई थी। शुरुआत में ही पुलिस ने संकेत किया कि था कि यह घटना ‘आपसी गोलीबारी’ की प्रतीत होती है।
ऐसे में पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए 10 जवानों को नोटिस भेजा था. पुलिस इस हत्याकांड में गनर देसाई मोहन और गनर नागा सुरेश के रोल को जानना चाहती है। देसाई मोहन इस मामले का मुख्य चश्मदीद गवाह था। देसाई मोहन के कुर्ता पायजामा और कुलहाड़ी के बयान पर पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि रविवार देर रात पुलिस ने चारों जवानों की हत्या के आरोप में देसाई को गिरफ्तार कर लिया।