खार्तूम। सूडान में सत्ता पर काबिज सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच जारी घमासान भीषण हिंसा में तब्दील हो गया है। अर्धसैनिक बलों ने एक ओर जहां राष्ट्रपति भवन पर कब्जे का दावा किया है, दूसरी ओर वहीं आगजनी की चपेट में हवाई अड्डा भी आ गया है। कई हवाई जहाज जला दिये गए हैं।
सूडान में 2021 में सेना द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद से वहां के अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) और सेना के बीच घमासान जारी है। अब यह भीषण हिंसा में बदल गया है। सूडान की राजधानी में सेना मुख्यालय के पास गोलीबारी व धमाकों की आवाजें सुनी गयी हैं। आरएसएफ ने हवाई अड्डा अपने नियंत्रण में लेने की बात कही है। हवाई अड्डे पर कब्जे के दौरान कई हवाई जहाज जला दिए गए। सेना ने कहा है कि आरएसएफ लड़ाके सैन्य मुख्यालय पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल नबील अब्दल्लाह ने कहा कि रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के लड़ाकों ने खार्तूम और सूडान के आसपास अन्य जगहों पर सेना के कई शिविरों पर हमला किया। झड़पें जारी हैं और सेना देश की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभा रही है।
इस बीच उत्तरी शहर मेरोव से भी गोलीबारी की जानकारी सामने आई है। टेलीविजन चैनलों पर सैन्य शिविर से उठते धुएं की तस्वीरें प्रसारित होती देखी गयी हैं। आरएसएफ ने राजधानी खार्तूम में राष्ट्रपति भवन को पूरी तरह से नियंत्रित करने का दावा किया है। सेना व आरएसफ के बीच का घमासान डेढ़ वर्ष से अधिक समय से जारी है। सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट किया था। तबसे वह संप्रभुता परिषद के जरिए देश को चला रही है। सेना का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे हैं, जो संप्रभु परिषद के प्रमुख हैं। आरएसएफ की कमान परिषद के उपाध्यक्ष जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के पास है। सूडान की सेना का मानना है कि आरएसएफ, अर्द्धसैनिक बल के तहत आती है और उसे सेना में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। ताजा झड़पों की वजह भी यही है।