आगरा। विश्व मानवाधिकार परिषद ने आगरा जेल में बंद लोगों को जरूरत का कपड़े जूते चप्पल तेल साबुन अंडरवियर बनियान चप्पल,ब्रूस पेस्ट आदि जरूरत का सभी सामान दिया। विश्व मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष मौलाना अनवारुल हक ने कहा कि दुनिया में कोई भी इंसान खुद को इतना बेबस और मजबूर महसूस नहीं करता जितना कि एक निर्दोष व्यक्ति खुद को सलाखों के पीछे महसूस करता है।
और आज सबसे बड़ी हैरत की बात यह है कि पड़ोसियों और बस्ती वालों को मालूम होता है कि कौन निर्दोष है और कौन दोषी है। हमें पता होने के बाद भी के सामने वाला निर्दोष है फिर भी ना उसके परिवार से मिलना पसंद करते हैं ना कोई उसके मुकदमे की पैरोकारी करता है। यहां तक कि कभी उसकी चर्चा होता है तो हम उसको अपनाने या पहचानने से इंकार तक कर देते हैं। आज हम अपनी झूठी शान बचाने के लिए ऐसा करते हैं।
खुदा ना करे ऐसी नौबत आए मगर आपको भी इसी मोड़ पर जिंदगी ने लाकर खड़ा कर दिया तो क्या होगा। बहुत अफसोस होता है जब हमारे घर बस्ती में खुशी का माहौल होता है पूरे शोर-शराबे के साथ त्योहार मनाए जाते हैं और जिसके ऊपर अत्याचार हुआ उसके बच्चों के सर पर हाथ रखने वाला भी कोई नहीं होता
उन्होंने कहा कि आज अगर हम किसी की मदद के लिए आगे बढ़ेंगे। तो कल जब हम परेशानी में होंगे कोई ना कोई खुदा का बंदा ऐसा जरूर होगा जो हमारी परेशानी में मदद जरूर करेगा।
इसलिए ईद हो या होली, दिवाली, या कोई भी त्यौहार अपने जश्न की खुशी में गरीब लाचार मजबूर लोगों को विशेष तौर पर उनको जो कि आपसी रंजिश के चलते सलाखों के पीछे हैं। विश्व मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय सचिव अल्पसंख्यक श्री मोहम्मद तहसीम ने कहा कि हम देशभर में मानव अधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चला रहे हैं और जहां तक हम से हो रहा है लोगों की मदद भी कर रहे हैं। ऐसे कामों में सभी लोगों को आगे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। अगर हम सब लोग एक दूसरे के दुख दर्द में काम आ जाए तो सारा झगड़ा ही खत्म हो जाए। इस अवसर पर मोहम्मद राशिद रिंकू चौधरी, राहुल कुमार, आकाश सक्सेना, मोहम्मद अरबाज, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद उस्मान, अहमद गुड्डू , मोहम्मद शहजाद,ताहिर हुसैन, सोनू क़स्सार आदि उपस्थित रहे।