48 दिन में 44 साल के आतंक का अंत
- प्रयागराज में अतीक के आर्थिक साम्राज्य पर ईडी का बड़ा वार
- डमी कंपनियों के जरिये करता था अरबों का काला कारोबार
14 अप्रैल, प्रयागराज। प्रयागराज से प्रदेश के कई शहरों में जिस आतंक और दहशत को कायम करने में माफिया अतीक अहमद ने 44 साल लगाए उसे यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने महज 48 दिनों में खत्म कर दिया । अतीक और उसके करीबियों के काले कारोबार के साम्राज्य को ध्वस्त करने में अब योगी सरकार को प्रवर्तन निदेशालय का भी साथ मिल रहा है ।
48 दिन में अतीक के 44 साल के आतंक का अंत :
अतीक अहमद पर पहला आपराधिक मामला 1979 में प्रयागराज के खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था। तब से 44 साल के उसके आपराधिक सफर में उस पर 102 केस दर्ज हुए लेकिन किसी भी मामले में कोई सरकार उसे सजा नहीं दिलवा पाई । योगी राज में पहली बार यह संभव हुआ जब पूर्व बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह अधिवक्ता उमेश पाल के अपहरण के मामले में एमपीएमएलए की कोर्ट ने अतीक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इधर 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल की हत्या से कानून व्यवस्था को नाकाम चुनौती देने के अतीक और उसके गुर्गों के दुस्साहस के बाद यूपी के सीएम योगी के माफिया को मिट्टी में मिलाने के संकल्प ने अतीक के जुर्म और जरायम के साम्राज्य तहस नहस कर दिया गया। अतीक के बेटे असद सहित उसके 4 गुर्गों को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। अपराध से अर्जित की गई उसकी और उसके गुर्गों की 1400 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी। इसे अतीक के आतंक के अंत माना जा रहा है।
अतीक के आर्थिक साम्राज्य पर ईडी का वार:
एक तरफ माफिया को मिट्टी में मिलाने का सिलसिला जारी है तो दूसरी तरफ आर्थिक अपराध से जुड़ी जांच एजेंसियां भी अतीक के आर्थिक साम्राज्य को चोट पहुँचाने में लग गई हैं। अतीक अहमद पर दर्ज मनी लांड्रिंग केस की जांच में जुटी प्रवर्तन निदेशालय की 15 टीमों ने प्रयागराज में अतीक के करीबियों के कई ठिकानों पर जमकर छापेमारी की है। इसमें अतीक अहमद के वकील खान शौलत हनीफ, अतीक के अकाउंटेंट सीताराम शुक्ला, रियल एस्टेट कारोबारी खालिद ज़फर, बसपा के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी, बिल्डर संजीव अग्रवाल, कार शोरूम मालिक दीपक भार्गव के नाम शामिल हैं। इस कार्यवाही में 100 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्तियों का भी खुलासा हुआ है। वैसे अतीक पर दो साल पहले 2021 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था और इस मामले में उसकी 8 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी।
डमी कंपनियों के जरिए माफिया करता था काला कारोबार
प्रयागराज शहर में अतीक अहमद के करीबियों के ठिकानों पर की गई कार्यवाही में प्रवर्तन निदेशालय को मनी लांड्रिंग केस में बेहद अहम सबूत मिले हैं जिससे उसके काले कारोबार के नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है । ईडी की छापे की कार्यवाही के दौरान बरामद दस्तावेजों से 50 से अधिक ऐसी शेल कंपनियों का भी पता चला है जो डमी कंपनियां हैं जिनका मालिक दस्तावेजों में तो कोई और है, लेकिन इनमें रकम अतीक ने निवेश की थी। इनके जरिये अतीक अपनी ब्लैकमनी को व्हाइट में तब्दील करता था। इन कम्पनियों में एमजे इन्फ्रा ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स जाफरी स्टेट लिमिटेड, फना एसोसिएटेड प्राइवेट लिमिटेड, एमजे इन्फ्रा हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, एफ एंड ए एसोसिएट प्राइवेट लिमिटेड, असाद सिटी, एमजे इन्फ्रा स्टेट प्राइवेट लिमिटेड और एमजे इन्फ्रा लैंड, एलएलपी जैसी कम्पनियां शामिल हैं । इनमें से अधिकतर वह कंपनियां हैं, जिनके बारे में जिला पुलिस ने पहले ही शासन को पत्र भेजकर इनकी जांच प्रवर्तन निदेशालय से कराने का अनुरोध किया था।