लखनऊः प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज डाॅ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के खन्दारी परिसर स्थित शिवाजी मण्डपम में विश्वविद्यालय का 88वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के 67 शोधार्थियों को पी0एच0डी0 तथा 12,243 विद्यार्थियों को परास्नातक एवं 10,7,222 विद्यार्थियों को स्नातक की उपधि प्रदान की। विशेष योग्यता रखने वाले 123 विद्यार्थियों को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किए गए, जिनमें 97 पदक छात्राओं ने तथा 26 पदक छात्रों ने हासिल किए। 06 विद्यार्थियों को डीलिट की उपाधि भी प्रदान की गई, जिनमें एक छात्र और पाँच छात्राएं शामिल रहे।
इस अवसर पर समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के जीवन की विशिष्ट उपलब्धि का दिन बताते हुए कहा कि आगामी जीवन में अच्छे कैरियर के निर्माण में अग्रसर होते समय अपने बुजुर्ग माता-पिता को भी अपनी प्रगति के साथ रखें। उन्हें वृद्धावस्था में अकेला न छोड़ें। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में वृद्धजनों का सम्मान करने की परम्परा है। राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों को निरंतर सीखते रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नही है। दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। इसे समझकर निरंतर अपने कौशल को विकसित करते रहना है।
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर होने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि देश में इस समय नई सम्भावनाओं को विकास हो रहा है। ज्ञान-विज्ञान से युक्त हमारे देश के युवाओं को आगे आकर अपने जीवन के साथ-साथ देश के विकास में भी योगदान देना चाहिए। उन्होंने इसी क्रम में उच्च शिक्षा स्तर पर पाठ्यक्रमों में बदलाव करके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण के निर्माण की चर्चा भी की।
राज्यपाल जी ने अपने सम्बोधन के क्रम में विश्वविद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि, नवाचारों की चर्चा भी की। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित सामुदायिक रेडियो ‘‘आगरा की आवाज‘‘ को विलक्षण उपलब्धि बताते हुए, इसकी सराहना की। उन्होंने रेडियो को संचार का एक सशक्त माध्यम बताया। राज्यपाल जी ने विश्वस्तर पर भारत की सुदृढ़ होती छवि को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि भारत की ओर से योग से लेकर मिलेट्स तक की गई पहलों को दुनिया स्वीकार कर रही है। उन्होंने देश में जी-20 बैठकों की अध्यक्षता के दौरान आगरा में 11 और 12 फरवरी को आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा शहर के प्रमुख मार्गों की दीवारों पर कलाकृतियों का निर्माण कर सुन्दर प्रदर्शन करने के लिए सराहना की।
आज के दीक्षांत कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल जी ने ‘‘जलभरो‘‘ कार्यक्रम से किया। उन्होंने जल संरक्षण का संदेश देते हुए विश्वविद्यालय से अपेक्षा की कि वर्ष भर में जितने जल का उपयोग परिसर में किया जा रहा है, वो उतने जल संरक्षण का प्रभावी प्रयास करें। समारोह में राज्यपाल जी ने रिसर्च पोर्टल लाॅन्च किया, जिसके माध्यम से विश्वविद्यालय के रिसर्च से जुड़ी गतिविधियाँ संचालित होंगी। इसके साथ ही उन्होंने गणित विभाग में बने आर्यभट्ट सभागार का भी लोकार्पण किया एवं समारोह में आए प्राथमिक विद्यालय के 30 विद्यार्थियों को प्रेरणादाई पुस्तकें और पोषण सामग्री की किट भी वितरित की।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने समारोह में उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं के आगामी जीवन के लिए बधाई दी एवं मुख्य अतिथि एसोशिएशन आफ इण्डियन यूनिवर्सिटीज के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 मानिकराव माधवराव (एम.एम) सालुंखे ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा करते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कुलपति प्रो आशुरानी ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और विद्यार्थियों को भावी जीवन में उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के साथ कार्य करके सफलता के लिए प्रेरित किया।