लखनऊ, 9 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के स्कूलों के बच्चे अब गांव-गांव जाकर जल जीवन मिशन के विकास कार्यों के गवाह बनेंगे। योगी सरकार की देखरेख में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस माह जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यालय में दोनों विभागों की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरे कार्यक्रम के सभी मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। इस कार्यक्रम के जरिए योगी सरकार की देखरेख में जल जीवन मिशन द्वारा बीहड़ क्षेत्रों में भी स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी प्रक्रिया के साक्षी छात्र बनेंगे। पहली बार देश में किसी प्रदेश द्वारा किया जाने वाला यह अनूठा प्रयास है, जिसमें स्कूली छात्र-छात्राओं को योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा बनाते हुए पूरे कार्यक्रम की छोटी से छोटी जानकारी दी जाएगी। बैठक में अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ रामचंद्र, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनिल अग्रवाल समेत दोनों विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
इस माह ही शुरू होगी जल ज्ञान यात्रा
जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम की शुरुआत इस माह में होगी, जहां बेसिक शिक्षा विभाग व निजी स्कूलों के बच्चे शामिल होंगे। प्रत्येक स्कूल से 10-10 छात्र-छात्राओं के समूहों को जल ज्ञानयात्रा के दौरान एसटीपी, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को दिखाया जाएगा। इस निशुल्क जल ज्ञान यात्रा के पहले चरण में लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, महोबा व झांसी की यात्रा कराई जाएगी। इस यात्रा के दौरान खेल-खेल में बच्चों से प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। प्रदेश के छात्र-छात्राओं को जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना द्वारा विकास कार्यों की जानकारी जल ज्ञान यात्रा के जरिए मिलेगी।
योगी राज में बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर देखेंगे बच्चे, बुंदेलखंड में मेगा विजिट का होगा आयोजन
जल जीवन मिशन द्वारा बुंदेलखंड की बदलती तस्वीर को भी बच्चे करीब से देख पाएंगे। विभाग की ओर से जल्द ही जल ज्ञान यात्रा कार्यक्रम के तहत बुंदेलखंड में मेगा विजिट का आयोजन किया जाएगा। योगी सरकार की देखरेख में जल जीवन मिशन के तहत बुंदेलखंड जैसे बिहड़ इलाकों में कैसे कठिन हालातों के बावजूद भी हर घर स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने में सफलता हासिल की है, उसकी जानकारी बच्चों को दी जाएगी। इसके साथ ही यूपी के हर जिलें में पांच-पांच स्कूलों को एजुकेशन पार्टनर के तौर पर चिह्नित किया जाएगा। जिससे वे बच्चों को जल के प्रति जागरूक कर सकें।