नल कनेक्शन देने के मामले में यूपी ने राजस्थान को भी पछाड़ा

लखनऊ, 6 अप्रैल। योगी सरकार ने हर घर नल योजना में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नल कनेक्शन देने के मामले में यूपी ने जहां राजस्थान को पछाड़ा है वहीं सबसे अधिक नल कनेक्शन देने में देशभर में वो तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। यूपी ने गुरुवार तक 97 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचा दिये हैं। इसके साथ ही जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से पांच करोड़ से अधिक ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल का लाभ मिलने लगा है। आंकड़ों के मुताबिक यूपी ने गुरुवार तक 97,11,717 से अधिक परिवारों तक टैप कनेक्शन पहुंचा दिये हैं। योजना से 5,82,70,302 से अधिक ग्रामीण लभान्वित हो रहे हैं। जबकि राजस्थान में 39,33,140 टेप कनेक्शन दिये गये हैं।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव के अनुसार यूपी के 36.59 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक हर घर जल पहुंचाने का सरकार का संकल्प पूरा हो चुका है। जबकि राजस्थान में 36.47 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक हर घर जल पहुंचा है। यूपी में जहां प्रत्येक दिन लगभग 40 हजार से अधिक परिवारों को नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं। वहीं राजस्थान में यह आंकड़ा 5 हजार से अधिक है। मुख्यमंत्री की ओर से हर घर जल योजना की निरंतर समीक्षा के फलस्वरूप बीते फरवरी माह में ही यूपी ने झारखंड और पश्चिम बंगाल को पछाड़ कर 81 लाख से अधिक परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने की उपलब्धि हासिल की थी। अधिकारी के अनुसार भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना को योगी सरकार सबसे तीव्र गति से लक्ष्य की ओर पहुंचा रही है। बहुत जल्द उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना में नम्बर वन होने जा रहा है। हमारा लक्ष्य गांव, गरीब, किसान को घर-घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है।

नल कनेक्शन देने वाले टॉप 5 राज्य

राज्य नल कनेक्शनों की संख्या

  • बिहार 1,59,10,093
  • महाराष्ट्र 1,09,98,678
  • यूपी 97,11,717
  • गुजरात 91,18,449
  • तमिलनाडु 79,62,581

अपना और परिवार का उल्लू सीधा करने वाले किसी के हितैषी नहीं

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल खंड में पूरे देश में जिस तरह जनमानस फ्री में टेस्ट, वैक्सीन, उपचार और राशन की सुविधा दी गयी, उस सफल मॉडल की पूरी दुनिया सराहना कर रही है। ये उन सब की आंखें खोलने वाला है जिन्होंने आजाद भारत को जाति, क्षेत्र, भाषा समेत तमाम वादों के आधार पर बांटा था। यह उन सभी की आंखों को खोलने वाला है कि जाति, मत और मजहब के नाम पर बांटने वाले लोग वास्तव में किसी के हितैषी नहीं होते हैं। इनका विकास से कोई लेना-देना नहीं होता। इनको गरीबों से कोई लेना-देना नहीं होता। ये केवल अपना और परिवार का उल्लू सीधा करना चाहते हैं और इसके लिए यह लोग हमेशा किसी ना किसी प्रकार का कोई ना कोई स्वांग रचते हैं, जिसे देश और पूरे प्रदेश ने महसूस किया है।

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