वेरिफिकेशन में कोई कमी पाए जाने पर उद्यमियों को मिलेगा रिव्यू का मौका

लखनऊ। प्रदेश में निवेश करने वाले उद्यमियों के सारे इंसेटिव्स ऑनलाइन ही प्रॉसेस किए जाएंगे। उद्यमियों के निवेश सारथी पोर्टल पर इंसेटिव्स के लिए आवेदन करने के बाद ऑनलाइन इंसेटिव मैनेजमेंट सिस्टम अपना काम शुरू कर देगा। यदि उसे आवेदन में कोई त्रुटि नजर आती है तो वह 15 दिन के अंदर निवेशक को आवेदन पर रिव्यू का मौका देगा और फिर आवेदन के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी होते ही ऑनलाइन इंसेटिव्स इनवेस्टर्स को मिल जाएगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने निवेश प्रोत्साहन की विभिन्न नीतियों में दिए जाने वाले इंसेंटिव व कंसेशंस के लिए निवेश मित्र पोर्टल के अंतर्गत विकसित किए गए ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू किए जाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम को सर्व सुलभ,टेक्नोलॉजी से लैस और इंसानी हस्तक्षेप के बिना बहु आयामी बनाने के साथ इसे पूर्णतः लागू करने को कहा है।

उद्यमियों को 15 दिनों में रिव्यू पर देना होगा रिस्पॉन्स

ऑनलाइन आवेदन की प्रॉसेसिंस प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन इंसेटिव मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से विभागीय इंसेटिव व कंसेशन प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र जमा करते ही नोडल विभाग के संबंधित अधिकारियों को उनके लॉग-इन अकाउंट में आवेदन दिखने लगेगा। सभी नोडल विभागों के संबंधित अधिकारी प्राप्त आवेदनों को ओपिनियन के लिए अन्य विभागों को भेज सकेंगे। नोडल विभाग के संबंधित अधिकारी आवेदन फॉर्म को पूरी तरह चेक करने के बाद यदि किसी बिंदु पर कोई कमी पाई जाती है तो उन कमियों से अवगत कराते हुए उद्यमी को रिव्यू के लिए भेजा जाएगा। उद्यमी को रिव्यू पर 15 दिन के अंदर रिस्पॉन्स देना होगा। यदि उद्यमी 15 दिन में रिव्यू में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं कराता है तो नोडल विभाग के अधिकारी को आवेदन पर आगे की कार्यवाही करने की छूट होगी।

उद्यमियों को एलओसी डाउनलोड करने की भी मिलेगी सुविधा

वेरिफिकेशन के बाद नोडल विभाग उन आवेदनों का चयन कर सकता है जिन्हें एजेंडा नोट में शामिल करने की आवश्यक्ता है। नोडल विभाग एजेंडा नोट अपलोड कर आवेदनों को सक्षम स्तर की अधिकृत समिति को भेज सकता है। अधिकृत समिति के अनुमोदन के बाद संबंधित विभाग उद्यमी के आवेदन के सापेक्ष दिए गए डिजिटली साइन एलओसी या साइन लेटर ऑफ कंफर्ट (एलओसी) की कॉपी अपलोड कर सकेगा। इसका अपडेट उद्यमी को उनके लॉग-इन आईडी में स्थित डैशबोर्ड पर भी दिखाई देगा। उद्यमी को एलओसी डाउनलोड करने की भी सुविधा मिलेगी। यही नहीं, विभाग द्वारा विभागीय इंसेंटिव व कंसेशन के डिसबर्सल के लिए संस्तुति की जाएगी। यदि किसी आवेदन के संबंध में किसी सीए या किसी जनपद स्तरीय अधिकारी से कोई रिपोर्ट की आवश्यक्ता होगी तो उसको भी पोर्टल के माध्यम से ही कांटैक्ट किया जाएगा।

15 अप्रैल से नहीं स्वीकार होंगे ऑफलाइन आवेदन

दिशा निर्देशों के अनुसार सभी संबंधित इंसेंटिव्स व कंसेशंस इसी प्रणाली द्वारा चयनित, स्वीकृत एवं वितरित होंगे। अतः लाभार्थी निवेशकों को योजना का लाभ लेने के लिए निवेश सारथी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा तथा 15 अप्रैल 2023 से सभी कार्य केवल ऑनलाइन इंसेंटिव्स मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत ही किए जाएंगे। 15 अप्रैल 2023 के बाद कोई भी ऑफ लाइन आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभी संबंधित विभाग ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम के सुचारू संचालन के लिए वेब डेवलपर्स व तकनीकी विशेषज्ञों की टीम का सहयोग लिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन इंसेंटिव्स मैनेजमेंट सिस्टम के संचालन व संबंधित समस्याओं के निराकरण के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आईआईडीसी) की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा जिसमें नीति से संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव व इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुख्य तौर पर सम्मिलित होंगे।

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