लखनऊ। उत्तर प्रदेश की वर्तमान अट्ठारहवीं विधान सभा का गठन दिनांक 11 मार्च, 2022 को हुआ। 29 मार्च, 2022 को विधान सभा के अध्यक्ष पद का निर्वाचन सम्पन्न हुआ। विधान सभा के वरिष्ठ सदस्य तथा लगातार आठ बार निर्वाचित सतीश महाना सर्वसम्मति से विधान सभा के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए।
29 मार्च, 2023 को सतीश महाना ने विधान सभा अध्यक्ष के रुप में सफलता पूर्वक एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण किया है। एक वर्ष की इस अवधि में महानाने विधान सभा अध्यक्ष के रूप में एक विशिष्ट छवि निर्मित की है और ऐसे ऐतिहासिक आयाम स्थापित किये हैं जिसकी प्रशंसा देश की समस्त विधान मण्डलों में हो रही है। एक कर्मठ और प्रगतिशील अध्यक्ष के रूप में उनकी ख्याति उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए हर्ष एवं गौरव का विषय है।
सतीश महाना का संसदीय जीवन में दीर्घ अनुभव है। वर्तमान में महानाआठवीं बार कानुपर नगर से निर्वाचित हुये हैं। एक गंभीर एवं संवेदनशील सदस्य के रुप में महानाने संसदीय परम्पराओं का पालन करते हुए सारगर्भित चार्चाओं तथा अमूल्य सुझावों से अपनी राजनीतिक प्रतिभा और क्षमता का परिचय दिया है। अपने दल के विभिन्न मह्त्वपूर्ण पदों पर कार्य करने के साथ-साथ महानाकाविधान सभा की समितियों के सदस्य एवं सभापति तथा एक सफल मंत्री के रूप में अग्रणी योगदान रहा है।
उत्तर प्रदेश जैसी वृहद विधान सभा के अध्यक्ष का पद चुनौतीपूर्ण है। 403सदस्यों की यह विधान सभा विभिन्न सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है। एक अध्यक्ष के रूप में कुशलता पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुये महाना ने निष्पक्षता एवं न्यायपूर्ण ढंग से सदन का संचालन किया और सम्पूर्ण सदन का विश्वास और सम्मान प्राप्त किया है। उन्होंने अपने एक वर्ष के प्रारम्भिक कार्यकाल में विधान सभा में आमूल-चूल परिवर्तन करके विधान सभा की प्रक्रिया तथा परम्पराओं के क्षेत्र में नवाचार कर उल्लेखनीय आयाम निर्धारित किये हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीके आह्वान पर देश के समस्त राज्यों की विधान सभाओं में ई-विधान व्यवस्था लागू किए जाने की योजना फलीभूत करते हुए महानाके दिशा-निर्देश एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रेरणा से लगभग डेढ़ माह के अत्यन्त अल्प समय में उत्तर प्रदेश जैसी वृहद् विधान सभा में ई-विधान व्यवस्था लागू की गई, जिसका शुभारम्भ लोक सभा केअध्यक्ष ओम बिरलाद्वारा किया गया। विधायिका को पेपरलेस किये जाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
उत्तर प्रदेश की अट्ठारहवीं विधान सभा का प्रथम बजट सत्र दिनांक 23 मई, 2022 से ई-विधान प्रणाली से संचालित हुआ। ई-विधान योजना के अन्तर्गत सभी सदस्यों के पटल पर टच स्क्रीन डिवाइस स्थापित कराई गई जिससे सभी सदस्यों को सदन की कार्यसूची, सूचनाएं, प्रश्न-उत्तर, समस्त समितियों के प्रतिवेदन इत्यादि डिजिटल माध्यम से प्राप्त हो सकें। इसके अतिरिक्त सभी प्रश्न शासन के विभागों को आनलाइन प्रेषित किए गए व उत्तर आनलाइन प्राप्त किए गए। इस प्रकार अट्ठारहवीं विधान सभा का बजट सत्र एवं मानसून सत्र में ई-विधान एप्लीकेशन प्रक्रिया का पूर्ण पालन करते हुए विधान सभा संचालित की गई।
लोक-महत्व के प्रश्न अधिक से अधिक सदन में आ सकें इस दिशा में प्रश्नों की सूचना देने की प्रक्रिया को और अधिक सुगम करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित होने की दिनांक के पन्द्रह दिन के उपरान्त आगामी सत्र के लिए सदस्यों से लिए जा सकेंगे।
प्रश्नों की ऑनलाइन प्रक्रिया में प्रश्न की सूचना सप्ताह में सातों दिन चौबीस घण्टे (24 ग7) लिए जाने की व्यवस्था की गई है जो पूर्व में नहीं थी।
क वर्ष के कार्यकाल में 04 सत्र सम्पन्न हुए जिनमें मात्र छत्तीस मिनट का ही व्यवधान रहा। सदन की कार्यवाही देर रात 12.00 बजे एवं उसके उपरान्त तक सम्पन्न हुई। कम उपवेशन होने के बाद भी सदन में जनहित के विषयों पर अधिक से अधिक चर्चा हो सकी और सारे कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हुए। सभी सत्रों में बहुधा 20 तारांकित प्रश्न लिए गए जिससे जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस हुई। असरकाकार्य दिवसों में भी संकल्प एवं विधेयकों को कार्य-सूची में रखकर सदन में लिए गए।
पहली बार सभी सदस्यों को विधेयकों पर बोलने हेतु आमंत्रित किया गया। इसके पूर्व केवल उन्हीं विधायकों को आमंत्रित किया जाता था जिन्होंने विधेयक पर अपने संशोधन प्रस्तुत किए थे। सतीश महाना ने अट्ठारहवीं विधान सभा केसदस्यों को सम्मानित करने की प्रक्रिया में सदन की कार्यवाही के दौरान सदस्यों को उनके जन्मदिन के अवसर पर सदन में बधाई देने तथा उनके संक्षिप्त जीवन परिचय पढ़े जाने की नवीन परंपरा स्थापित की। इसके अतिरिक्त प्रक्रिया नियमावली के विभिन्न प्रावधानों के अन्तर्गत उन्होंने जनता के हितों को दृृष्टिगत रखते हुए उदारता पूर्वक सूचनाएं स्वीकार की एवं यह सुनिश्चित किया कि शासन की ओर से उनके उचित समाधान का आश्वासन सदन में निर्धारित हो।
विभिन्न नियमों के अन्तर्गत अध्यक्ष के कार्यकाल में रिकार्ड संख्या में सूचनाएं स्वीकार हुई एवं शासन द्वारा उनके उत्तर प्रस्तुत किए गए। प्रक्रिया नियमावली के कतिपय प्रावधानों जैसे कि नियम 300, 301 का उपयुक्त एवं विधिक निर्वाचन करके उन्होंने विधान सभा की कार्यवाही का एक स्तरीय आयाम स्थापित किया। इसी प्रकार पिछले कई सत्रों से लम्बित संकल्पों आदि को उन्होंने त्वरित रूप से सदन में निस्तारित किया। सदन में विधायी कार्यों एवं कार्यसूची के अन्य विषयों को जिस प्रकार से वर्तमानअध्यक्ष ने निस्तारित किया वह उल्लेखनीय है। उत्तर प्रदेश की विधान सभा ने संसदीय परिवेश में वर्तमान अध्यक्ष के नेतृत्व में एक नयी दिशा निर्धारित की है।
विधान सभा के सौन्दर्यीकरण एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं में अध्यक्ष द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल में वृहद् कार्य कराये गये।सतीश महानाकी दूरदर्शी सोच एवं मार्गदर्शन में अध्यक्ष दीर्घा को नए एवं आकर्षक रूप में स्वतंत्रता सेनानियों, शिक्षाविदों तथा वास्तुविदों के चित्रों सहित सुसज्जित करके सौन्दर्यीकरण किया गया। विधान सभा मंडप में स्थित ’पक्ष’ एवं ’प्रतिपक्ष’ लाबी को और अधिक बेहतर आरामदायक एवं नवीनतम तकनीकी से सुसज्जित कराया गया है।
विधान सभा के सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही देखने के लिए छात्र-छात्राओं व्यापारियों एवं शिक्षाविद््ों कई दलों ने विधान सभा का भ्रमण किया। विधानसभा की कार्यवाही प्रदेश की जनता देख सके, इसके लिए दूरदर्शन के साथ यू-ट््यूब पर भी प्रसारण की व्यवस्था की गई ।
उत्तर प्रदेश विधान सभा में 403सदस्य हैं इतनी वृहद् विधान सभा में सभीसदस्यों से एक साथ संवाद किया जाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। तद्नुसार एक वर्ष की अवधि मेंअध्यक्ष द्वारा इंजीनियरिंग, चिकित्सा, तकनीकी एवं प्रबन्धन, विधि का उपाधि धारक, व्यवसाय, कृृषि आदि विभिन्न विधाओं में पारंगतसदस्यों, महिला सदस्यों, युवा तथा वरिष्ठसदस्यों को अलग-अलग समूहों में आमंत्रित कर संवाद एवं चर्चा की नई पहल की गई ताकि उनके अनुभव से सदन को लाभ प्राप्त हो सके।
सदस्यों के व्यवसाय एवं उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर समूह निर्मित करकेअध्यक्ष द्वारा उनके साथ सदन के बाहर उन्हें भोज पर आमंत्रित करके सीधा संवाद स्थापित किया गया। यह एक ऐतिहासिक पहल है। वर्तमान समय में जबकि पूरे देश में विभिन्न कारणों से सदन की बैठकों की संख्या में कमी आयी है, इस प्रकार सेसदस्यों के साथ संवाद स्थापित करने सेअध्यक्ष ने जनता के प्रतिनिधियों को अपनी बात कहने का अवसर प्रदान किया। इस परिपाटी से यह भी ज्ञात हुआ कि विभिन्न व्यवसायों से जुड़े जन प्रतिनिधियों की क्या अपेक्षाएं हैं। इससे सदन के संचालन में भी सहयोग प्राप्त हुआ एवं सदन का व्यवधान भी कम हुआ। यह एक नवीन धारा है। संसदीय लोकतंत्र को सुदृृढ़ करने की दिशा में यह परम्परा आने वाले समय में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
अध्यक्ष के मार्गदर्शन में विधान सभा की सुरक्षा व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण व आधुनिक परिवर्तन किये गये। इसके साथ ही विधान सभा के प्रवेश पत्रों को निर्गत करने में भी आधुनिक व्यवस्थाएं लागू की गयीं। वर्तमान सुरक्षा परिदृृश्य में आंतरिक और वाह्य सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूती प्रदान करने के लिए सी0सी0टी0वी0 कैमरों की संख्या में बढ़ोत्तव एक्सेस कन्ट्रोल सिस्टम की स्थापना, प्रवेश द्वारों पर आर0एफ0आई0डी0 रीडर, बूम बैरियर तथा बोलार्डस, फ्लैप बैरियर एवं एक्स-रे (एसवी) बैगेज स्कैनर स्थापित किए गए हैं।
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् वर्तमान अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथसे मंत्रणा करके प्रथम बार उत्तर प्रदेश की एवं देश की किसी भी विधान सभा में एक अनूठा प्रयोग किया गया। जिसके अन्तर्गत विधान सभा के एक उपवेशन दिनांक 22 सितम्बर, 2022 में सदन की कार्यवाही में मात्रमहिला सदस्यों की भागी दासुनिश्चित की गयी। सदन में मात्र महिला सदस्यों द्वारा ही सम्पूर्ण कार्यवाही संचालित की गयी। यह एक नयी सोच है, जिसके अन्तर्गतमहिला सदस्यों के सशक्तीकरण को बल मिला है।
भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा भिन्न-भिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने का संकल्प लिया गया। इस अवसर परअध्यक्ष के दिशा निर्देश में दिनांक 6 जून, 2022 को भारत के प्रथम नागरिक तत्कालीनराष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के समवेत् उपवेशन को सम्बोधित करने हेतु आमंत्रित किया गया। उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के लिए यह ऐतिहासिक व गौरवशाली पल था।
अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन के पश्चात् एक वर्ष की अवधि मेंअध्यक्ष सतीश महानाद्वारा राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ का 65वां सम्मेलन दिनांक 20-26 अगस्त, 2022 हैलीफैक्स, कनाडा में भाग लिया गया। उन्होंने राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के अंतराष्ट्रीय मंच पर उत्तर प्रदेश एवं देश का प्रभावी प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने सतत् विकास के लक्ष्यों एवं लिंग संवेदनशीलता पर देश एवं प्रदेश का पक्ष प्रस्तुत किया। उत्तर प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है कि लोक सभा केअध्यक्ष ओम बिरलाद्वारा सतीश महानाको अंतराष्ट्रीय मंच पर देश के पक्ष को प्रस्तुत करने हेतु चुना गया जिसका उन्होंने अत्यन्त कुशलता एवं दक्षता पूर्वक निर्वहन किया।
राजस्थान विधान सभा द्वारा जयपुर में 10-12 जनवरी, 2023 को 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में प्रतिभाग किया एवं सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने संसदीय लोकतंत्र में विधायिका के महत्व को वर्णित किया। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश विधान सभा में हो रहे बदलावों और नए प्रयासों पर चर्चा हुई। सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा को देश में एक प्रतिमान के रूप में सराहा गया। सम्मेलन में कई विधान सभा अध्यक्षों ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के भ्रमण करने पर भी अपनी सहमति जताई।
19 फरवरी, 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं विधान सभा अध्यक्ष सतीश महानाकी गरिमामयी उपस्थिति में विधान भवन में विधायी डिजिटल वीथिका का लोकार्पण किया गया। विधायी डिजिटल वीथिका के माध्यम से उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की वर्ष 1887 में स्थापना से लेकर अब तक के सम्पूर्ण विधायी इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को डिजिटल प्रारूप में देखा जा सकता है। इसके माध्यम से विधान सभा का गौरवमयी इतिहास, बैठकें, कानून, प्रमुख घटनाएं, संसदीय सम्मेलनों व अब तक की कार्यवाही को देखा पढ़ा जा सकेगा।
अध्यक्ष सतीश महानाके कार्यकाल की इस अवधि में विशेषाधिकार से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण प्रकरण का निष्पादन किया गया। तत्कालीन विधान सभा सदस्य सलिल विश्नोई द्वारा कानपुर नगर के कतिपय पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन एवं सदन की अवमानना का प्रकरण वर्ष 2005 से लंबित चला आ रहा था जिस पर अध्यक्ष द्वारा निर्णय देते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मियों को एक दिन के कारावास का दण्ड दिया गया। केशव सिंह प्रकरण के पश्चात् यह दूसरा अवसर था जिसमें अध्यक्ष विधान सभा द्वारा सदन की गरिमा को सर्वोपरि मानते हुए दोषियों को कारावास का दण्ड दिया गया।
अध्यक्ष विधान सभा द्वारा एक वर्ष के कार्यकाल में किये गये महत्वपूर्ण कार्यों के अतिरिक्त भविष्य की नई योजनाओं की रूपरेखा पर भी कार्य किया जा रहा है जिनमें मुख्य रुप से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्यों के आचार-व्यवहार, क्रिया-कलाप और सहभागिता के आधार पर ‘‘उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार’’ प्रदान किये जाने कि योजना है। इसके साथ-साथ ‘‘विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमावली‘’ का संशोधन एवं सरलीकरण, समस्त सदस्यों के चित्रों की स्थापना, विभिन्न संस्थाओं जैसे इण्डियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के प्राध्यापकों के साथ सदस्यों की बैठक प्रस्तावित है जिससे उन्हें प्रबन्धन तंत्र के सूत्रों की जानकाहो सके और उनका उपयोग विधायिका में किया जा सके। विभिन्न विधाओं में पारंगत सदस्य जैसे चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विधायकों के साथ स्वास्थ्य मंत्री की बैठक, पश्चिमी क्षेत्र से जुड़े विधायकों के साथ औद्योगिक विकास मंत्री की बैठक आदि भी प्रस्तावित है।इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश विधान पुस्तकालय को ई-लाईब्रेके रूप में विकसित किये जाने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। विधान भवन प्रेस रूम के नवीनीकरण के लिए एक बड़ी स्क्रीन टेलीविजन, दो कम्प्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर आदि स्थापित किये गये। भविष्य में प्रेस रूम को सुसज्जित किये जाने की योजना है।
अवस्थापना सम्बन्धी अप्रतिम विकास कार्यों से लेकर विधायी कार्यवाही एवं प्रक्रिया में नवाचार का संविलियन, संसदीय प्रक्रियाओं को उचित मानदंडों पर स्थापित करना एवं विधायिका को संविधान में प्रदत्त दायित्वों एवं कर्तव्यो का बोध कराने का जो कार्य वर्तमान अध्यक्ष द्वारा प्रारम्भ किया गया है उससे उत्तर प्रदेश विधान सभा की गरिमा को नवीन आयाम प्राप्त हो रहे हैं।