आजाद भारत के इतिहास में पहली बार सभी जिलों में प्रदेश सरकार ने मनाई नवरात्रि और श्रीरामनवमी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश वास्तव में महोत्सवों का प्रदेश बन चुका है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब हिन्दू नववर्ष के आगमन का इतने भक्तिमय तरीके से और नौ दिन तक महोत्सव के रूप में स्वागत किया गया हो। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से लेकर चैत्र शुक्ल नवमी तक प्रदेश के प्रत्येक जिले में योगी सरकार की ओर से जगह जगह ना सिर्फ दुर्गा सप्तशती के पाठ का आयोजन हुआ बल्कि मानस की चौपाइयों ने प्रदेश के माहौल को पूरी तरह से भक्तिमय बना दिया। योगी सरकार की ओर से इन आयोजनों के लिए हर जिले को एक-एक लाख रुपए दिये गये हैं। वहीं इसमें स्थानीय स्तर पर पूरे मनोयोग से जुड़ते हुए सामाजिक संगठनों ने कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, कहीं कलश यात्रा और शोभायात्राओं ने आमजन के भीतर भक्तिभावन का संचार किया। श्रीरामनवमी पर सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि शिव नगरी काशी से लेकर श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा और प्रदेश के सभी 75 जिलों में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम की धुन के साथ नौ दिनों तक नववर्ष महोत्सव का आयोजन हुआ।

अयोध्या में चैत्र नवरात्रि में योगी सरकार की तरफ से मठ-मंदिरों में रामायण और दुर्गा सप्तशती का पाठ कराया गया। श्री रामचरितमानस का पाठ छोटी देवकाली, दिगंबर अखाड़ा, कनक भवन, छोटी छावनी, बड़ी देव काली मंदिर पर बुधवार से प्रारंभ हुआ और श्रीरामनवमी के अवसर पर गुरुवार की सुबह 8 बजे समापन हुआ। इसके अलावा मठ मंदिरों में 22 मार्च से ही दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू हो गया था। बड़ी देव काली मंदिर पर 22 मार्च से दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू हुआ था। जो निरंतर 9 दिन तक चला। अयोध्या के लगभग सभी मंदिरों में भी अखंड रामायण का पाठ हुआ

महादेव की नगरी काशी में शिव के आराध्य श्रीराम के जन्मोत्सव का पर्व रामनवमी धूमधाम से मनाया गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम में 24 घंटे का अखंड रामचरितमानस पाठ का समापन हुआ। योगी सरकार ने श्रीराम जन्मोत्सव को भव्य बनाने के लिए वाराणसी में कार्यक्रम का आयोजन किया था। अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन ने काशी में श्री राम जन्मोत्सव भये प्रगट कृपाला कार्यक्रम का आयोजन, श्रीराम मंदिर, कश्मीरीगंज, गुरुधाम में किया। जिसमे संगीत मय मानस पाठ, भजन, सोहर आदि कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिला सांस्कृतिक अधिकारी डॉ सुभाष यादव ने बताया कि प्रशासन ने जनसहयोग से तहसील स्तर पर भी रामनवमी के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित करवाए हैं।

संगम नगरी प्रयागराज में योगी सरकार के निर्देश पर इस बार नवरात्रि पर्व जनपद के देवी मंदिरों तथा शक्ति पीठो में दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी गायन, देवी जागरण और अखंड रामायण पाठ के कार्यक्रमों का आयोजन प्रमुखता से किया गया। पूरे नौ दिन तक चले इस आयोजन का समापन प्रभु श्री राम के प्रकटोत्सव राम नवमी में अखंड रामायण के साथ हुआ। संगम नगरी प्रयागराज देवालयों और शक्ति पीठ की नगरी भी है। डीएम प्रयागराज संजय कुमार खत्री बताते हैं कि जनपद में जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर नवरात्रि के दौरान साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश, ध्वनि आदि की बेहतर व्यवस्था की गई। माँ कल्याणी देवी शक्तिपीठ, माँ ललिता देवी शक्तिपीठ और माँ अलोप शंकरी मंदिर में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ के आयोजन सरकार द्वारा उपलब्ध कराये फंड से किये गए। राज्य सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से इसका आयोजन किया गया। साधु-संतो और तीर्थ पुरोहितों ने आयोजन को हिंदू नव वर्ष की सबसे बड़ी सौगात बताया।

झांसी में पूरे नौ दिन तक विभिन्न धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसमें सिद्धेश्वर मंदिर में बाल कांड, रघुनाथ जी मंदिर में सोहर, संस्कार गीत, रघुनाथ जी मंदिर से सिद्धेश्वर मंदिर तक शोभायात्रा और कलशयात्रा का आयोजन किया गया। इसके बाद शाम को बड़ा बाजार में रामलीला का मंचन और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।

आगरा में जय धनौला माँ देवी मंदिर, कैला देवी मंदिर, माता हीस वाली, कुंडा धाम मुख्य मंदिर, पथवारी माता मन्दिर जुलाहपुरी, जय माँ श्री सिद्धदात्री में देवी जागरण एवं, दुर्गा सप्तशती एवं अखंड रामायण का पाठ किया गया। इसके अलावा खंड स्तर पर खंड विकास अधिकारी द्वारा प्रस्तावित प्रमुख मंदिरों और शक्तिपीठों पर दुर्गा सप्तशती का आयोजन किया गया और रामचरित मानस का पाठ का आयोजन किया गया। आगरा के प्रत्येक विकास खंड में स्थित देवी मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ बड़े ही श्रद्धा भाव से किया जा रहा है। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन का भी आयोजन किया गया। तहसीलदार रजनीश वाजपेई ने बताया कि आगरा में चैत्र नवरात्र के पहले दिन से अष्टमी तक दुर्गा मंदिरों में दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन हुआ। दुर्गा अष्टमी पर यहां दो दिवसीय भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है, इसमे लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

नाथ नगरी बरेली में भी हिन्दू नववर्ष से पूरे नौ दिन तक दुर्गा सप्तशती और रामायण की चौपाइयां गूंजती रहीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, भारतीय संस्कृति और कला को प्रोत्साहित कर रहे हैं। जिला प्रशासन के सहयोग से ऐतिहासिक तुलसी मठ में तीन दिवसीय बाल्मीकि रामायण के अखंड पाठ का आयोजन हुआ। इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि नवरात्र में सभी दुर्गा मंदिरों में दुर्गा स्तोत्र और रामनवमी पर रामचरितमानस, बाल्मीकि रामायण की चौपाइयां गूंज रही हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने सभी तहसीलों के प्रमुख मंदिरों में भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराया। नाथ नगरी में 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती और रामचरितमानस के पाठ गूंजते रहे। विक्रम संवत 2080 की शुरुआत होते ही चैत्र नवरात्र में दुर्गा शक्तिपीठ में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ के आयोजन की योगी सरकार ने घोषणा की थी। सांस्कृतिक आयोजन के लिए सभी जिलों को एक-एक लाख रुपये भी दिए गए थे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com